जानिए कब-कब दिल्ली में बनी थी बीजेपी की सरकार, इस बार एग्जिट पोल में निकाल रही इतनी सीटें

punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2025 - 07:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में 2025 के विधानसभा चुनावों में मतदान संपन्न हो चुका है और अब एग्जिट पोल्स ने नतीजे सामने आ गए हैं। एग्जिट पोल में दिल्ली के 70 विधानसभा सीटों पर बीजेपी की सरकार बनती हुई नजर आ रही है जबकि आम आदमी पार्टी इस बार सत्ता से बेदखल होती दिख रही है। 

दिल्ली में बीजेपी की सरकार का इतिहास कैसा रहा है?

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का शासन राजनीतिक इतिहास में महत्वपूर्ण रहा है, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आए। बीजेपी ने दिल्ली में पहली बार 1993 में सरकार बनाई थी, और उसके बाद से कई बार सत्ता में आई। हालांकि, दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (आप) के उभरने के बाद बीजेपी का सत्ता में आना कठिन हो गया है, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी का योगदान दिल्ली की राजनीति में उल्लेखनीय है।

1993 में पहली बार बीजेपी की सरकार:

1993 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 56 सीटें जीतीं और कांग्रेस पार्टी को हराया। इस चुनाव में मदनलाल खुराना को मुख्यमंत्री बनाया गया। इस प्रकार, मदनलाल खुराना दिल्ली के पहले बीजेपी मुख्यमंत्री बने। उनके नेतृत्व में दिल्ली में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, और दिल्ली में बीजेपी की पहली सरकार बनी।

1998 में बीजेपी की दूसरी सरकार:

बीजेपी ने 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर से शानदार प्रदर्शन किया और 48 सीटों पर जीत हासिल की। इस चुनाव में भी मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने। उनके शासन में दिल्ली ने कई विकास कार्य किए, जिनमें दिल्ली मेट्रो की योजना पर भी चर्चा की गई। हालांकि, 2003 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।

2003 में तीसरी बार बीजेपी की सरकार:

2003 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 47 सीटों पर जीत मिली और पार्टी ने सत्ता में वापसी की। इस बार मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सुषमा स्वराज को दी गई। सुषमा स्वराज के कार्यकाल में दिल्ली में कई प्रमुख योजनाएं लागू की गईं, जिनमें सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ। लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को दिल्ली में हार का सामना करना पड़ा और इसके बाद बीजेपी की सरकार चली गई।

बीजेपी का दिल्ली में संघर्ष:

2008 के बाद बीजेपी को दिल्ली में सत्ता में आने में सफलता नहीं मिली। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 31 सीटें मिलीं, जबकि आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 28 सीटें जीतीं। बीजेपी का नेतृत्व उस समय भी विपक्षी पार्टी के रूप में रहा, और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी की अपराजेय स्थिति

साल 2015 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। आप ने 70 में से 67 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी को केवल 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इस जीत ने अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को दिल्ली में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में बैठाया। साल 2020 में भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी का दबदबा बरकरार रहा। इस बार भी आप ने 70 में से 62 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी को केवल 8 सीटें ही मिलीं। इस जीत में केजरीवाल के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों और मुफ्त सुविधाओं को लेकर दिल्ली के नागरिकों ने भारी समर्थन दिया।

2025 में क्या हो रहा है?

अब 2025 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। एग्जिट पोल्स में यह नजर आ रहा है कि इस बार बीजेपी ने अपनी सीटों में इज़ाफा किया है और आम आदमी पार्टी से कांटे की टक्कर ले रही है। कई एग्जिट पोल्स के अनुसार बीजेपी को 45-50 सीटों के आसपास मिल सकती हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को 32-37 सीटों के आस-पास दिखाया जा रहा है। इससे यह साफ है कि दिल्ली विधानसभा में इस बार किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना कम है।

बीजेपी ने इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय योजनाओं का जोरदार प्रचार किया है, जबकि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के विकास कार्यों, मुफ्त बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर दिया है। एग्जिट पोल्स में अब यह सवाल उठ रहा है कि दिल्ली में बीजेपी को कितनी सीटें मिलेंगी और क्या वह इस बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज हो पाएगी।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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