'नाइट नहीं कोरोना कर्फ्यू बोलिए', जानिए मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में क्या-क्या बोले PM मोदी

punjabkesari.in Friday, Apr 09, 2021 - 12:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना होगा। साथ ही पीएम मोदी ने कंटेनमेंट जोन में ज्यादा ध्यान देने को रहा और ऐसे क्षेत्रों में जांच में तेजी लाने के आदेश दिए है।

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नाइट नहीं कोरोना कर्फ्यू बोलिए
पीएम मोदी ने कहा कि हम जितनी ज्यादा जांच करेंगे उतना सफल होंगे। जांच, संपर्क का पता लगाना, उपचार करना और कोरोना से बचाव संबंधी उपायों का कड़ाई से पालन करना और बेहतर covid-19 प्रबंधन पर हमें बल देना है। प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण में वृद्धि के लिए लोगों की ‘लापरवाही' और प्रशासनिक अमले की ‘सुस्ती' को एक बड़ी वजह बताया तथा राज्यों से इसपर विशेष ध्यान देने को कहा। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि हालात चिंताजनक जरूर हैं लेकिन अभी लॉकडाउन की जरूरत नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि नाइट कर्फ्यू सही साबित होगा अगर इसे सख्ती से लागू किया जाए। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इसे नाइट नहीं कोरोना कर्फ्यू कहिए।

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इस बार कोरोना की रफ्तार ज्यादा
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल कोरोना की जो सर्वोच्च रफ्तार थी उसे हम इस बार पार कर चुके हैं। इस बार मामलों की वृद्धि दर पहले से भी ज्यादा तेज है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य पहली लहर की 'पीक' को भी पार कर चुके हैं। कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं। हम सबके लिए यह चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार लोग पहले की अपेक्षा बहुत अधिक लापरवाह हो गए हैं और अधिकतर राज्यों में प्रशासन भी सुस्त नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे में कोरोना मामलों की इस अचानक बढ़ोतरी ने मुश्किलें पैदा की हैं।

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अब हमारे पास कोरोना से लड़ने के साधन मौजूद
पीएम मोदी ने कहा कि इन तमाम चुनौतियों के बावजूद देश के पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव और बेहतर संसाधन उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले हमारे पास न तो मास्क थे और न ही PPE किट उपलब्ध थी और न ही संसाधन थे, इसलिए कोरोना से उस समय बचने का एकमात्र साधन लॉकडाउन बचा था और वह रणनीति काम आई लेकिन आज हमारे पास संसाधन हैं तो हमारा बल छोटे निषिद्ध क्षेत्रों पर होना चाहिए। हमें इसके परिणाम मिलेंगे। यह मेहनत रंग लाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार बहुत सारे मामले ऐसे हैं जो बिना लक्षण वाले हैं, इसलिए प्रशासन को अतिसक्रियता दिखाकर जांच में तेजी लानी होगी। उन्होंने कहा कि हम जितना ज्यादा चर्चा टीके की करते हैं, उससे ज्यादा फोकस जांच पर करना है। हम जांच को हल्के में ना लें। 

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11 से 14 अप्रैल तक देश में मनाया जाए ‘टीका उत्सव'
पीएम मोदी ने 45 साल से ऊपर के लोगों के शत-प्रतिशत टीकाकरण पर जोर दिया और इसके मद्देनजर 11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले की जयंती से लेकर 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती तक देश भर में ‘‘टीका उत्सव'' मनाने का सुझाव दिया। उन्होंने युवाओं से covid-19 से बचाव संबंधी उपायों को लेकर अत्यधिक सक्रियता दिखाने का अपील की और 45 साल से ऊपर के लोगों से टीककरण कार्यक्रम में भगीदार बनने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा कि हम जब चरम पर जाकर नीचे आ गए तो हम दोबारा भी आ सकते हैं। दवाई भी और कड़ाई भी के मंत्र का पालन करते रहना होगा।


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Content Writer

Seema Sharma

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