जानिए लिव-इन में श्रद्धा वॉलकर जैसी हत्याओं का राज, क्यों वहशी बन रहे हैं युवा !

Wednesday, Feb 15, 2023 - 03:59 PM (IST)

जालंधर, नैशनल डैस्क: दिल्ली और महाराष्ट्र के पालघर में लिव-इन पार्टनर द्वारा श्रद्धा वॉलकर की हत्या जैसे भयानक समानता वाले दो मामले सामने आए हैं। दिल्ली में एक व्यक्ति ने अपनी लिव-इन पार्टनर निक्की यादव की कथित तौर पर हत्या कर दी, उसके शरीर को बाबा हरिदास नगर के एक ढाबे में फ्रीजर में रख दिया और उसी दिन दूसरी लड़की से शादी कर ली। इसी बीच महाराष्ट्र के पालघर जिले में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या कर दी और उसके शव को गद्दे में भर दिया। पुलिस ने भागने की कोशिश करते हुए युवक को गिरफ्तार कर लिया।

इस तरह की घटनाओं को लेकर भारतीय सभ्य समाज भी चिंतित है। मनोवैज्ञानिकों की बात करें तो उनका मानना है कि लिव-इन रिलेशनशिप के साथ कोई सामाजिक बंधन नहीं होता है, जबकि शादी करने के बाद जोड़ों पर सामामजिक जिम्मेदारियां और बंधन होते हैं। इसके अलावा लिव-इन रिलेशनशिप में कोई कमिटमेंट भी नहीं होती है। लड़का-लड़की में अगर रिश्ते सही न जा रहे हों तो उन्हें खुद निर्णय लेने की आजादी होती है, जिसके चलते वे जघन्य अपराधों का अंजाम देने से नहीं हिचकते हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट में पंजाबी विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान में अपना करियर बना रहे हर्षित कटोच के हवाले से कहा गया है कि इन दिनों लिव-इन भागीदारों के सामने बहुत ज्यादा अवसर उपलब्ध हैं। आप किसी भी व्यक्ति के साथ कभी भी रह सकते हैं। वह कहते हैं कि जब विवाह होता हैं तो उसमें लड़की और लड़के वालों का परिवार भी शामिल होता है और शादी करने वालों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास रहता है, लेकिन लिव- इन में आप अपनी मर्जी के मालिक होते हैं आपको कुछ भी करने का अधिकार होता है, इसलिए बात बिगड़ने पर विवाद का निपटरा भी खुद ही करना होता है, जो कभी-कभी अपराधिक घटनाओं में तब्दील हो जाता है। 

ऐसे मामलों में जब क्रोध हताशा से उत्पन्न होता है क्योंकि दूसरा व्यक्ति सुनने को तैयार नहीं होता है। शादी में आप अपने माता-पिता, दूसरों को दोष दे सकते हैं, लिव-इन में आप केवल एक-दूसरे को ही दोष दे सकते हैं और पार्टनर के खिलाफ अपना गुस्सा निकाल सकते हैं। हर्षित कटोच कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि शादी के बाद ऐसे मामले सामने नहीं आते हैं। क्रोध व्यक्ति को अजीब तरीके से प्रतिक्रिया दे सकता है। जुनूनी अपराध अत्यधिक परिस्थितियों में होते हैं, जब भावनाएं हावी हो जाती हैं। ऐसे लोगों को जघन्य अपराध करने के लिए मजबूर किया जाता है जिनका हिंसा का कोई इतिहास नहीं होता है।

SS Thakur

Advertising