आपकी एक लापरवाही कहीं पड़ ना जाए भारी, त्योहार मनाने से पहले जान लें सरकार की पूरी गाइडलाइंस

Wednesday, Oct 21, 2020 - 10:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में पर्व और त्योहारों के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में खुशियां मनाने के साथ-साथ ​हमें अपना और अपनों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है। यह बात कुछ लोग भूल चुके हैं कि देश में कोरोना संकट अभी भी बरकरार है। लॉकडाउन भले खत्म हो गया है लेकिन महामारी ने अभी पीछा नहीं छोड़ा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश में अब भी मंडरा रहे खतरे के प्रति आगाह किया है। आईए त्योहार मनाने से पहले जान लें क्या है सरकार की गाइडलांइस:-

भगवान को छूने में मनाही 

  • धार्मिक आयोजनों के दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। 
  • भक्तों को भगवान को छूने नहीं दिया जाएगा और वे दूर से दर्शन कर सकेंगे। 
  • कंटेनमेंट जोन में किसी तरह के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • कई दिनों तक चलने वाले कार्यक्रमों जैसे प्रदर्शनी, मेला, पूजा पंडाल, रामलीला पंडाल में लोगों की अधिकतम संख्या सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय होने चाहिए। 


6 फीट की दूरी जरूरी 

  • रैली और विसर्जन जुलूस के मामले में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • एक-दूसरे से हर समय कम से कम 6 फीट की पर्याप्‍त दूरी रखें।
  • कार्यक्रम से पहले और उसके बाद स्‍थल का सैनिटाइजेशन करना जरूरी है।
  • सभी को अपने स्‍वास्‍थ्‍य की स्‍वयं जांच करना और किसी भी बीमारी के बारे में राज्‍य और जिला हेल्‍पलाइन को शीघ्र सूचित करना जरूरी है।
  • सभी स्‍टाफ कर्मचारियों के लिए फेस कवर/मास्‍क का उपयोग अनिवार्य है और मेजबान संस्‍थान द्वारा ऐसे फेस कवर पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध कराए जाने चाहिए।

वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को आगाह करते कहा कि यह समय लापरवाह होने या यह मान लेने का नहीं है कि कोरोना से कोई खतरा नहीं है। उन्होंने लोगों से अपील की कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश को सफलता नहीं मिल जाती तब लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि जब तक इस महामारी का टीका नहीं आ जाता तब तक कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।

vasudha

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