Loan लेने वाले व्यक्ति के मर जाने पर बैंक किससे वसूलता है कर्ज, जानें
punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 05:09 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: हमेशा यह सवाल उठता है कि जब कोई व्यक्ति बैंक से लोन लेता है और अचानक उसकी मृत्यु हो जाती है, तो बैंक उस बकाया राशि की वसूली कैसे करता है? क्या बैंक लोन माफ कर देती है? आइए जानते हैं कि जब कोई उधारकर्ता दुनिया से चला जाता है, तो बैंक किससे वसूलता है कर्ज।
होम लोन में सह-उधारकर्ता या कानूनी उत्तराधिकारी
होम लोन के मामले में यदि उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक सबसे पहले सह-उधारकर्ता (co-borrower) से संपर्क करता है। अगर कोई सह-उधारकर्ता नहीं है, तो बैंक कानूनी उत्तराधिकारी से बकाया राशि की वसूली करने का प्रयास करता है। यदि मृतक ने लोन का बीमा कराया है, तो बैंक बीमा कंपनी से भी लोन चुकता करने के लिए कह सकती है। अगर इन सभी विकल्पों से कोई समाधान नहीं मिलता, तो बैंक बकाया राशि की वसूली के लिए संपत्ति की नीलामी करने का अधिकार रखता है।
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कार लोन में परिवार को होती है जिम्मेदारी
यदि कार लोन के दौरान उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक शेष राशि की वसूली के लिए उधारकर्ता के परिवार से संपर्क करता है। अगर कानूनी उत्तराधिकारी ऋण चुकाने से इंकार करते हैं, तो बैंक कार को वापस लेकर उसे नीलामी में बेचकर अपना नुकसान पूरा कर सकती है।
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पर्सनल और क्रेडिट कार्ड लोन: क्या होता है जब कोई सह-उधारकर्ता नहीं होता?
पर्सनल और क्रेडिट कार्ड लोन की स्थिति अलग होती है क्योंकि ये अनसिक्योर्ड लोन होते हैं। अगर उधारकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक कानूनी उत्तराधिकारी पर दबाव नहीं बना सकता। हालांकि, यदि सह-उधारकर्ता मौजूद है, तो बैंक उसकी ओर से ऋण की वसूली कर सकती है। अन्यथा, यदि कोई सह-उधारकर्ता नहीं है और बैंक के पास कोई अन्य विकल्प नहीं होता, तो यह लोन गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में बदल सकता है।