बचपन से ही सुषमा स्वराज रही हैं 'THE BEST', ये थी उनके जीवन की विशेष उपलब्धियां

Thursday, Aug 06, 2020 - 11:29 AM (IST)

नई दिल्ली:  भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की आज पहली पुण्यतिथि है। सुषमा स्वराज का आज ही के दिन 6 अगस्त 2019 को हार्ट अटैक से निधन हो गया था। आज पूरा देश पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद कर रहा है। लोग सुषमा स्वराज को बतौर विदेश मंत्री ही नहीं बल्कि संसद में बड़े से बड़े नेता को चुप कराने देने वाली प्रखर नेता के रुप में भी याद करते है।

सुषमा स्वराज की पहचान भारतीय राजनीति में एक प्रखर वक्ता कुशल नेतृत्व और मृदुभाषी के रूप में याद किया जाएगा। आइए जानते हैं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के शिक्षा और करियर के बारे में...

ये हैं कुछ खास 
सुषमा स्वराज का जन्म 1953 में अंबाला में हुआ। सुषमा स्वराज की पहचान अच्छी वक्ता और कुशल राजनेता के साथ-साथ देश की सबसे कम उम्र की मंत्री बनने की भी रही।

नेशनल कैडेट कॉर्प्स की रहीं बेस्ट कैडेट 

  • भाजपा की वरिष्ठ दिवंगत नेता सुषमा स्वराज ने अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज में अपनी पढ़ाई के दौरान तीन साल तक नेशनल कैडेट कॉर्प्स (NCC) की बेस्ट कैडेट रहीं। 
  • पूर्व विदेश मंत्री को 1970 में कॉलेज की सर्वश्रेष्ठ छात्रा से सम्मानित किया गया था। एनसीसी की शुरुआत स्कूल-कॉलेज से ही हो जाती है। 
  • एनसीसी की ट्रेनिंग काफी कठिन मानी जाती है अभी तक देश भर में करीब 13 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स एनसीसी से जुड़े हैं, लेकिन हर साल राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ 9 कैडेट को बेस्ट एनसीसी कैडेट चुना जाता है। 

 शिक्षा

  • सुषमा ने अंबाला कैंट में सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत और राजनीति शास्त्र में डिग्री हासिल की। 
  • चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी से उन्होंने वकालत की पढ़ाई की।
  • इस दौरान उन्होंने लगातार तीन वर्ष हरियाणा में होने वाले राज्य स्तरीय हिंदी वक्ता अवार्ड जीत कर अपनी प्रतिभा का संकेत दे दिया।
  • पढ़ाई पूरी होने के बाद वे 1973 में मात्र 20 वर्ष की उम्र में सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने लगीं।

करियर 

  • देश की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री रही। बता दें कि 1977 में जब वह 25 साल की थीं तब वह हरियाणा सरकार में देश की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं।
  • 1979 में 27 साल की उम्र में वह हरियाणा में जनता पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष बनीं।
  • उन्हें किसी सियासी दल के राष्ट्रीय स्तर की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव मिला।
  • 13 अक्तूबर से 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं।

 

 

Riya bawa

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