शोध में हुआ खुलासा: किडनी कैंसर की दवा से भी अब हो सकेगा दिल के मरीजों का इलाज

Thursday, Feb 03, 2022 - 12:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क; एक शोध के मुताबिक अब किडनी कैंसर की दवा एल्‍डेसल्‍युकिन से दिल के मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। यह दवा हार्ट फेल होने का खतरा कम करती है। किडनी के कैंसर की दवा दिल के मरीजों में रिकवरी को एक हफ्ते के अंदर 75 फीसदी तक तेज कर देती है। किडनी कैंसर की दवा से दिल के मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की शोधकर्ताओं का कहना है, एल्‍डेसल्‍युकिन दवा का इस्‍तेमाल वर्तमान में किडनी कैंसर के मरीजों के इलाज में किया जा रहा है।

ऐसे काम करती है दवा
ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसी एनएचएस कैंसर के इलाज में इस दवा का इस्तेमाल कर रही है। डेलीमेल की रिपोर्ट में शोधकर्ताओं का कहना है कि हार्ट में जो डैमेज हुए हैं या हो रहे हैं एल्‍डेसल्‍युकिन दवा उसे सुधारने का काम करती है। इसके अलावा यह दवा हृदय में ऐसे नाकारात्‍मक बदलाव को होने से रोकती है जिसे सही नहीं किया जा सकता। शुरुआती ट्रायल में यह साबित भी हुआ है।

कैसे डैमेज होते हैं टिश्‍यू
शोधकर्ताओं का कहना है दिल तक ब्लड की सप्लाई न होने पर हार्ट अटैक पड़ता है। ऐसे मामलों में हार्ट की मांसपेशियां डैमेज होती हैं। दवा के जरिए 10 में से 7 मरीज ठीक तो हो जाते हैं, लेकिन जो डैमेज हुआ है वो ताउम्र बरकरार रह सकता है और भविष्य में हार्ट फेल  होने की स्थिति बन सकती है। हार्ट अटैक से जूझने वाले 10 में से 3 ऐसे मरीजों में दिल की मांसपेशियों पर मौजूद टिश्यू डैमेज हो जाते हैं। नतीजा, ये सख्त होने लगते हैं, इनके अधिक सख्‍त होने पर हार्ट पूरे शरीर तक ब्लड पहुंचाने में असमर्थ हो सकता है। यह दवा ऐसे डैमेज को रोकने की कोशिश करती है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता
दवा का असर समझने के लिए शोधकर्ताओं ने हार्ट अटैक के बाद पहले दिन इस दवा की लो डोज मरीज को दी। इसके बाद दो महीने तक हर हफ्ते इसे दिया गया। ऐसे मरीजों का ब्‍लड टेस्‍ट लिया गया। रिसर्च रिपोर्ट में सामने आया कि डैमेज को रिपेयर करने वाली टाइप-2 लिम्फोसाइट ब्‍लड सेल्‍स में 75 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजिस्ट और दवा का ट्रायल करने वाले मुख्य शोधकर्ता डॉ. टियान झाओ का कहना है, वर्तमान में हमारे पास ऐसी कोई दवा नहीं है तो हार्ट में लम्बे समय तक होने वाले डैमेज को रोक सके। खासकर वो डैमेज जो हार्ट अटैक के बाद देखा जाता है। ऐसे में यह दवा इस डैमेज को रोकने का सबसे सस्ता इलाज हो सकता है क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध है।

Anil dev

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