पंजाब और जेएंडके के बीच फंसी कीडियां गंडियाल की हजारों की आबादी, डिस्पैंसरी में भी ताला

Saturday, Apr 04, 2020 - 10:03 AM (IST)

कठुआ (गुरप्रीत): पिछले सात दशकों से बेगानों जैसा दंश झेलने वाले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के जिला कठुआ की रावी दरिया के उस पार बसी कीडियां एवं गंडियाल दो पंचायतों के लोग लाकडाउन के बीच बैगानों जैसा एहसास कर रहे हैं। रावी दरिया पर करीब 150 करोड़ की लागत से पुल बनाकर केंद्र की भाजपा सरकार ने लोगों का सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से करवा तो दिया है लेकिन लाकडाउन के बीच सीधा संपर्क की सुविधा होने के बावजूद लोग जिला मुख्यालय से पूरी तरह से कट चुके हैं। हजारों की आबादी एक तरह से सुविधाविहीन हो चुकी है। इन लोगों को जिला मुख्यालय तक न तो स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने के लिए आने की अनुमति दी जा रही है और न ही राशन आदि लेने के लिए है। ऐसे में हैरानगी है कि जम्मू कश्मीर के इन वाशिंदों को आखिर प्रशासन या पुलिस ने किसके सहारे छोड़ रखा है। लोग आज भी जरूरी सेवाओं को लेकर अनुमति को लेकर प्रशासन और पुलिस की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। 

 


दरअसल कीडियां गंडियाल का इलाका पंजाब की सीमा से भी सटा हुआ है। दोनों ही पंचायतों के आधा दर्जन के करीब गांवों की दस हजार के करीब आबादी होगी लेकिन जरूरी काम के लिए भी लोगों को जिला मुख्यालय तक आने की अनुमति नहीं है। रावी दरिया पर बनाए गए पुल पर ही लखनपुर पुलिस ने नाका लगा दिया है और फिर लोगों को जरूरी सामान तक लेकर जाने की अनुमति जिला मुख्यालय से नहीं दी जा रही है। उम्मीद के साथ लोग पुलिस से गुहार लगाने के लिए नाके पर पहुंचते जरूर हैं लेकिन यहां पुलिस टीम अधिकारियों का हवाला देकर उन्हें जिला मुखलय आने की अनुमति नहीं दे पाते। गांव में कई किराना सहित अन्य जरूरी सामान की दुकानें खाली हो रही हंै। दूसरी ओर सटी पंजाब की सीमा में पंजाब सरकार ने कफ्र्यू लगा रखा है ऐसे में अगर इन लोगों को कठुआ मुख्यालय आने की अनुमति नहीं है और न ही पंजाब में कफ्र्यू के चलते यह लोग पंजाब जा सकते हैं। ऐसे में प्रशासन व पुलिस ने इन लोगों को किसके सहारे छोड़ रखा है यह भी एक तरह से गंभीर विषय है। 
 
क्या कहते हैं लोग 
स्थानीय सरपंच राजेश कुमार ने कहा कि उन्हें जिला मुख्यालय जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। पंजाब से तो होकर कठुआ जाया जाना संभव नहीं है। ऐेसे में एक ही उम्मीद सीधे सपर्क की रावी दरिया पर बने नए पुल के माध्यम से है लेकिन पुलिस ने नाका कीडियां गंडियाल गांव से सटी पंजाब की सीमाओं पर लगाने के बजाय गांव से थोड़ी दूर जम्मू कश्मीर की सीमा में ही लगाकर सील कर दिया है। ऐसे में वे जाएं तो जाएं कहां। उन्होंने कहा कि गत दिनों जिला पुलिस प्रमुख भी यहां आए थे, जिनसे गुहार लगाई गई थी लेकिन कोई प्रयास नहीं हो पाए। प्रशासन ने एक दो गाडियों को सामान के लिए अनुमति आवाजाही करने की अनुमति दी है लेकिन यह नाकाफी है। उन्होंने कहा कि लाकडाउन के बीच कोई घर से बाहर नहीं निकलना चाहता, लोग जरूरी सामान लेने या मजबूरी के कारण घरों से आते हैं लेकिन जिला मुख्यालय तक पहुंचना एक तरह से पहाड़ पर चढने के बराबर है। प्रशासन को कम से कम राशन सहित अन्य जरूरी सामान लेकर आने की अनुमति जिला मुख्यालय से देनी चाहिए। 


कीडियां में बंद पड़ी है आयुर्वेदिक डिस्पैंसरी 
 गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि कोरोना के चलते यहां से स्टाफ को उठा लिया गया है लेकिन वे जाएं तो कहां। लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं तक का लाभ लेने के लिए कठुआ नहीं जाने दिया जा रहा। यही नहीं गत दिनों किडनी में स्टोन के चलते एक युवक बीमार पड़ गया था जिसे अल्ट्रासाउंड तक करवाने के लिए नहीं जाने दिया गया। उन्होनेे कहा कि यहां भी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हेैं, ऐसे में प्रशासन लोगों के साथ किस तरह का बर्ताव कर रहा है। बता दें कि गंडियाल तक सब सेंटर की सेवा भी है लेकिन ज्यादा बीमार होने पर वहां स्वास्थ्य सेवाएं उचित नहीं है। ऐेसे में लोगों का जिला मुख्यालय की ओर रुख करना मजबूरी बन जाता है। थोड़ा बहुत बीमार होने पर लोग आयुर्वेदिक डिस्पैंसरी का रुख कर लेते हैं यहां से उन्हें दवाएं तक मुहैया हो जाती हैं लेकिन मौजूदा समय में डिस्पैंसरी बंद पडने से लोग भी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर परेशान हैं।  



पंजाब की सीमा से लेकर नाके तक कहीं भी नहीं तैनात है पुलिस 
कठुआ: पंजाब से सटी कीडियां गंडियाल की सीमा से लेकर रावी दरिया पुल के नाके तक कहीं भी पुलिस की तैनाती नहीं है। पंजाब की ओर से कोई भी आने वाला सीधा पूरे गांव से होकर रावी दरिया पुल तक आ सकता है। लोगों का कहना है कि अगर बाहरी प्रदेश से आने वाले पूरे गांव में घूमकर पुलिस नाके तक आ सकते हैं तो यह भी चिंता का विषय है, क्योंकि अगर इनमें से कोई संक्रमित हुआ और गांव से होकर गुजर गया तो इसकी जिम्मेवारी किसकी होगी। पुलिस ने इंटर स्टैट आम वाहनों की आवाजाही बंद की है तो फिर नाका पंजाब की सीमा के पास लगाना चाहिए न कि अपनी ही सीमा के पांच किलोमीटर भीतर। 


के.डी. भगत,ख् डी.एस.पी. डी.आर. कठुआ

उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर ही पुल के पास नाका लगाया गया है। फिलहाल लोगों को जिला मुख्यालय आने की अनुमति नहीं है। उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर ही इस दिशा मेें कदम उठाए जाना संभव होगा----।


डॉ विक्रम जम्वाल, ए.डी.एम.ओ. कठुआ

आयुर्वेदिक डिस्पैंसरी का स्टाफ टोल प्लाजा पर ड्यूटी के लिए लगाया गया है। कोरोना महामारी के चलते प्रशासन के आदेशों पर स्टाफ की तैनाती की गई है। थोड़ा बेहतर होने के बाद फिर से स्टाफ को यहां लगा दिया जाएगा--- । 
 

Monika Jamwal

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