खट्टर व दुष्यंत इवेंटबाजी से परहेज करके प्रदेश में बाढ़ का करें सर्वेक्षण

punjabkesari.in Tuesday, Sep 27, 2022 - 06:59 PM (IST)

 

चंडीगढ़, 27 सितंबर 2022( अर्चना सेठी) राज्यसभा सांसद व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश में हुई भारी बरसात के बाद उपजे हालात के चलते समूचे हरियाणा को बाढग्रस्त घोषित करके सभी पीड़ितों को तत्काल आपदा राहत कोष से मुआवज़ा देने की माँग की है। उन्होंने कहा कि खट्टर व दुष्यंत चौटाला इवेंटबाजी से परहेज करके प्रदेश में बाढ़ का सर्वेक्षण व मुआयना करके सभी वर्गों को राहत दिलाएं। उन्हें कहा कि हरियाणा की लाखों एकड़ भूमि व हजारों मकान जो अत्यधिक बारिश के कारण खराब हुए है, सभी को तत्काल मुआवजा दिए जाने की ज़रूरत है।

 

सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में लगभग 8 लाख एकड़ से अधिक फसलें जलमग्न हैं। हरियाणा में लगातार हो रही भयंकर बारिश ने किसानों की नरमा व धान की फसलों को बर्बाद कर दिया है। खेतों में पकी खड़ी फसल 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक बिल्कुल बर्बाद हो चुकी है। जो किसान अपनी फसल कटवाकर मंडियों में लेकर गया हुआ है वहां भी अभी तक सरकारी एजेंसियों की तरफ से कोई खरीद नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश का ये आलम है कि कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, जींद, शाहाबाद, अम्बाला, यमुनानगर, जगाधरी, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, रेवाड़ी, झज्जर, नारनौल, भिवानी, भूना सहित पूरे हरियाणा में धान, कपास, बाजरा की फसलें बिल्कुल पुरजोर तरीके से खराब हो चुकी हैं। अकेले कैथल जिले में में अनुपात के अनुसार 700 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है और बाकि हरियाणा में भी 650 से 700 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। दक्षिण हरियाणा के कई जिलो के अंदर भी 700 से 800 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। 

 

सांसद रणदीप सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि अजीब विडंबना है किसानों पर एक तरफ आसमान से कहर बरस रहा है तो दूसरी तरफ़ भाजपा-जजपा सरकार किसानों के अरमानों के साथ छलावा कर उन्हें खून के आंसू रुला रही है। उन्हे धरतीपुत्र किसान के हितो से कोई सरोकार नही है। धरती फट क्यों नही जाती और भाजपा-जजपा सरकार उसमें समा क्यों नही जाती। 

 

खट्टर व दुष्यंत सरकार से हमारे सवाल :- 

 

● अगर इतनी ज्यादा बारिश की मार से किसानो की फसलें तबाह हो जायेगी तो किसान अपनी फसल की रखवाली के लिए क्या करे? 

● एक तरफ ओलावृष्टि की मार और दूसरी तरफ सरकार द्वारा मंडियों में सरकारी खरीद नहीं की जा रही है।

● आखिर क्यों भाजपा-जजपा सरकार द्वारा किसानों को मुआवजे की एक फूटी कौडी भी नहीं दी जा रही है? 

● आखिर क्यों? प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को बीमा के लिए किसानों को दफ्तरों के काटने पड़ रहे बार बार चक्कर, घंटों लाईन में लगकर करना पड़ रहा इंतजार। 

● अनाज मंडियों में न पानी की कोई निकासी सुविधा, न उचित संसाधन।

● यमुना नदी, घग्गर नदी व मारकंडा में पानी का स्तर अत्यंत ज्यादा होने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न। आसपास के एरिया में सरकार की तरफ से कोई उचित प्रबंध क्यों नहीं?

● आखिर किसानों के साथ धोखा व लूट का यह गौरखधंधा कब तक चलता रहेगा?

 

सुरजेवाला ने भाजपा-जजपा सरकार से मांग करते हुए कहा कि:-

 

● मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री खुद हर जिले में जाकर स्थिति का जायजा ले। किसानों को अगले 7 दिनों के अंदर धान-बाजरा व कपास की फसलों की गिरदावरी कर प्रति एकड ₹30,000 से ₹50,000 तक का मुआवजा दे।

● इसके साथ ही पट्टेदार,काश्तकारो व खेत में किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले मजदूर को भी उचित मुआवजा दिया जाये। 

● पूरे हरियाणा में स्पेशल खसरा गिरदावरी एक हफते के अंदर की जाये और नुकसान हुए मुआवजा को लेकर बार बार दफतरो में चक्कर काटने को लेकर दी जाने वाली दर्खास्त पर रोक लगाई जाए।  

● बाढ़ को प्राकृतिक आपदा घोषित करो।

● घरों-खेतों से पानी निकासी का इंतज़ाम करो।

● मकानों का मुआवज़ा दो।

 

सच्चाई यह है कि किसान को तीन तरफ से मार पड़ रही है। एक तरफ प्रकृति की मार, दूसरी तरफ मोदी की मार और तीसरी तरफ खट्टर और दुष्यंत चौटाला की मार। किसान के बारे में ये सरकार इतनी उदासीन क्यों है? अगर किसान को इस तरह की मार मिलेगी तो देश की अर्थव्यव्स्था चलेगी कैसे ?


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News Editor

Archna Sethi

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