ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं करें ये परहेज

Monday, Jul 15, 2019 - 03:11 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)

16 और 17 जुलाई की मध्यरात्रि लगने वाले चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और दक्षिणी अमरीका में भी देखा जा सकेगा। इन शब्दों का उल्लेख गिद्दड़बाहा के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित संजय शर्मा ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए किया। उन्होंने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा (गुरु पूर्णिमा) पर लगने वाले इस ग्रहण का समय करीब 3 घंटे होगा और इसका प्रभाव अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग होगा। उन्होंने कहा कि यह चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को मध्य रात्रि 1.31 बजे शुरू होगा और प्रात: 4.30 बजे इसकी समाप्ति होगी, जबकि इस ग्रहण का सूतक 16 जुलाई शाम 4.30 बजे से शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा होने के कारण सूतक लगने से पहले-पहले ही गुरु की पूजा कर उनका आशीर्वाद ले लेना शुभ होगा। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं कुछ भी खाने-पीने से परहेज करें और चंद्रमा न देखें। पं. शर्मा ने बताया कि ग्रहण के चलते मंदिर 16 जुलाई को शाम 4.30 बजे के बाद बंद रहेंगे और अगले दिन ग्रहण की समाप्ति के बाद प्रात: 6 बजे खुलेंगे।

वैसे तो ग्रहण का प्रभाव हर किसी के जीवन पर पड़ता है लेकिन गर्भवती महिलाओं को इस दौरान विशेष सावधानी रखने की अवश्यकता होती है। ग्रहण का सीधा प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं करें ये परहेज -

भगवान का ध्यान करें।

धार्मिक ग्रंथ पढ़ें। 

खाएं-पिएं नहीं।

ग्रहण को देखें नहीं।

सोना नहीं चाहिए।

खुजली न करें।

क्रोध और तनाव को स्वयं पर हावी न होने दें। 

प्रसन्न रहें और दूसरों के साथ खुशियां बांटे।

किसी के ऊपर हाथ न उठाएं विशेषकर किसी बालक पर।

झुक कर कोई भी काम न करें।

योगासन अथवा व्यायाम नहीं करना चाहिए।

चाकू से किसी भी वस्तु को काटना नहीं चाहिए।

ताला अथवा कुड़ी नहीं लगानी चाहिए।

नाड़ा नहीं बांधना चाहिए।

उपरोक्त लिखी हिदायतें कपोल कल्‍पनाएं नहीं है बल्कि जीवन का अटूट सच है जिसे गर्भवती स्त्रियों को स्वीकार करना चाहिए। ऐसा करने से स्वाभाविक रूप से स्वस्थ, सुन्दर और विचारवान संतान होगी।

Niyati Bhandari

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