भारत के खिलाफ साजिश, खालिस्तानी संगठन SFJ ने संयुक्त राष्ट्र को दिया 10 हजार डॉलर का चंदा
punjabkesari.in Sunday, Mar 14, 2021 - 01:17 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत में बैन खालिस्तान समर्थक संगठन- सिख फॉर जस्टिस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। खालिस्तान समर्थक संगठन- सिख फॉर जस्टिस ने संयुक्त राष्ट्र को 10 हजार डॉलर (करीब 7 लाख रुपए) चंदा दिया है। खालिस्तान समर्थक संगठन SFJ यानि सिख फॉर जस्टिस अब किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुए कथित दुर्व्यवहार की जांच करने के लिए यूएन के अंदर 'जांच आयोग बनाने' हेतु दबाव डाल रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के लिए हाई कमिश्नर के प्रवक्ता ने सिख फॉर जस्टिस से चंदा लेने की पुष्टि की है।
प्रवक्ता ने कहा कि हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमें 1 मार्च को सिख फॉर जस्टिस के लोगों से ऑनलाइन 10 हजार डॉलर चंदा मिला है। प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र तब तक किसी का चंदा लेने से इनकार नहीं करता, जब तक कि वह शख्स या संगठन संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल न हो या फिर संयुक्त राष्ट्र चार्टर या इसके सिद्धांतों के विपरीत गतिविधियों में शामिल न हो। अमेरिका में रहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नून ने कहा कि सिख समुदाय की ओर 13 लाख डॉलर (करीब 9,44,96,02 रुपए)
देने का वादा किया गया है ताकि संयुक्त राष्ट्र की ओर से जांच आयोग का गठन किया जा सके। यह आयोग भारत की ओर से किसानों के खिलाफ लगाए गए राष्ट्रद्रोह और हिंसा के आरोपों की जांच करेगा।
संयुक्त राष्ट्र ने कमीशन की स्थापना नहीं की
गुरपतवंत सिंह ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, संयुक्त राष्ट्र ने आयोग की स्थापना नहीं की है लेकिन हम इस पूरे मामले को संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के लिए बनाए गए हाई कमिश्नर कार्यालय के जरिए उठा रहे हैं। गुरपतवंत सिंह ने कहा कि हम मानवाधिकारों के लिए उच्चायुक्त के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ा रहे हैं। कमीशन ऑफ इंक्वायरी का गठन आमतौर पर उन जगहों के लिए होता है, जहां पर मानवाधिकारों के हनन का मामला सामने आता है। फिलहाल, सीरिया के लिए एक कमीशन ऑफ इंक्वायरी गठित है। भारत सरकार ने खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह को आतंकी घोषित कर रखा है और यह सिख फॉर जस्टिस संस्था का महासचिव है। UN हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से भारत में ऐसी किसी कमीशन को गठित करने की योजना नहीं है। साथ ही UN ने कहा कि किसी से चंदा लेने का मतलब यह नहीं है कि हम किसी खास गतिविधि के लिए तैयार हो जाएं।