''निपाह'' वायरस की भारत में दस्तक, डॉक्टर की निगरानी में 86 लोग

Tuesday, Jun 04, 2019 - 01:14 PM (IST)

कोच्चि: केरल में एक बार फिर निपाह वायरस का प्रकोप फैलता दिख रहा है। दरअसल यहां एक कॉलेज छात्र के निपाह रोग से संक्रमित होने का शक है और इसके लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) से रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि छात्र जिन 86 लोगों के संपर्क में आया उनकी सूची तैयार कर ली गई है और वे चिकित्सीय निगरानी में हैं। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने निपाह के प्रकोप से निपटने के लिए एहयतियाती उपाय करना शुरू कर दिए हैं। शैलजा ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि कोच्चि के निजी अस्पताल में भर्ती 23 साल के एक कॉलेज छात्र को निपाह संक्रमण होने का शक है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) से रिपोर्ट मिलने का इंतजार है। उन्होंने कहा कि कोच्चि के कलामसेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अलग वार्ड बनाए गए हैं।



मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को इस घटनाक्रम के बारे में बताने के बाद मंत्री कोच्चि पहुंची। उन्होंने स्थिति की समीक्षा करने के लिए शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नमूने जांच के लिए अलपुझा में विषाणु विज्ञान एवं संक्रामक रोग संस्थान को भेजे गए और यह पाया गया कि छात्र निपाह के जैसे ही वायरस से संक्रमित है। उन्होंने कहा कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान से रिपोर्ट आज रात तक मिलने की उम्मीद है। लोगों के बीच भरोसा कायम करते हुए मंत्री ने कहा कि डरने की कोई जरुरत नहीं है और सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। सरकार ने पिछले साल कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस से सफलतापूर्वक जंग लड़ी थी। मंत्री ने सोशल मीडिया उपभोक्ताओं से जनता के बीच डर पैदा ना करने की अपील की। 



उन्होंने कहा कि कोझीकोड से चिकित्सा विशेषज्ञ पहले ही कोच्चि पहुंच गए हैं और स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं तथा चिकित्सा उपकरण हैं। अगर पुणे के संस्थान की रिपोर्ट पॉजीटिव आती है तथा और मामले सामने आते हैं तो ऐसी स्थिति के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षिण दिया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि वे निगरानी में हैं और छात्र के साथ संपर्क में आने वाले लोगों से कहा कि अगर उन्हें बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, उल्टी आना और गले में दर्द जैसे इंफ्लूजा जैसे लक्षण होते हैं तो नजदीकी अस्पताल में दिखाएं। हालांकि अभी उनसे ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। बहरहाल, सरकार पुणे से रिपोर्ट का इंतजार कर रही है लेकिन राज्य में स्वास्थ्य विभाग संभावित स्थिति से निपटने की लिए तैयार हो गया है। एर्नाकुलम जिला मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष खोला गया है। इससे पहले, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और एर्नाकुलम जिले के अधिकारियों ने स्थिति की समीक्षा के लिए बैठक की। बैठक की अध्यक्षता प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) राजन खोबरागड़े ने की। 


जिले के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में छात्र का इलाज कर रहे डॉक्टरों से अच्छी खबर मिली है। उसने सुबह में कुछ खाया था और दवाइयां भी उस पर असर कर रही हैं। एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर मोहम्मद वाई सफ्फीरूल्ला ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में क्षमता निर्माण के लिए कदम उठाए गए हैं। निपाह के संदिग्ध मामलों पर नजर रखने के लिए निगरानी टीमें गठित की गई हैं। उन्होंने बताया कि कलामसेरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज में मरीजों को निपाह के संदिग्ध मामलों से अलग करने के इंतजाम किए गए हैं। त्रिशूर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि बुखार से पीड़ित छात्र ने त्रिशूर शहर के दो निजी अस्पतालों में चिकित्सा सहायता मांगी थी, जहां वह अपने पाठ्यक्रम के तहत हाल ही में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए गया था। वह इडुक्की जिले में स्थित थोडुपुज़ा के कॉलेज में पढ़ता है।


 

Anil dev

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