केरल में बाढ़ के बाद अब लोगों को सता रहा है ये डर

Thursday, Aug 23, 2018 - 04:56 PM (IST)

कोच्चि: केरल में भीषण मानसून और बाढ़ के बाद अब जब लोग अपने घरों को लौट रहे हैं तो उन्हें कोबरा और अन्य जहरीले सांपों के खौफ से दो-चार होना पड़ रहा है जो शौचालयों, आलमारियों और वाशबेसिन में जमे हुए हैं। पिछले पांच दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से सर्पदंश की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसे में प्रशासन वन्यजीवन संरक्षणवादी और सांप विशेषज्ञ वावा सुरेश की मदद मांग रहे हैं। समीप के अंगमाली के एक निजी अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 15-20 अगस्त के दौरान डॉक्टरों ने सर्पदंश के 53 मामले देखे हैं। 



अंगमाली लिटिल फ्लावर अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि नाग, करैत आदि जहरीले सांप बाढ़ के पानी के साथ जंगल से बहकर आ गये और उन्होंने इन वीरान घरों में घर जमा लिया। डॉक्टर ने कहा, ‘‘ये सरीसृप पानी में डूबे घरों और अन्य ढांचों में पहुंच गये।इसलिए, जो लोग पानी घटने के बाद साफ सफाई के लिए अपने घरों में प्रवेश करते हैं उन्हें सावधानी बरतना चाहिए।’’ 


 
राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर अभियान चलाया है। ऐसे ही एक अभियान में सुरेश ने लोगों से सांपों को देखकर नहीं घबराने, अपनी चीजें डंडे के सहारे ढूढने और फर्श को किरोसिन वाले पानी से पोछने की सलाह दी है। माना जाता है कि किरोसिन की गंध से सांप भाग जाते हैं।     

बाढ़ का पानी उतरने के बावजूद कम नहीं हुई हैं केरल की मुसीबतें      
केरल में बारिश में कमी और बाढ़ का पानी उतरने के बावजूद राज्य की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं। बाढ़ और भूस्खलन से आठ अगस्त के बाद से राज्य में 230 लोगों की मौत हुई है। राज्य में फिलहाल राहत शिविरों में रह रहे 13 लाख लोगों के सामने अनिश्चय की स्थिति है और उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। अपनी आंखों में आंसू लिए एक बुजुर्ग महिला ने कहा, सबकुछ खत्म हो गया है। हम बर्बाद हो गए हैं।’’ कई घर अब भी जलमग्न हैं और जो नहीं है उनमें हर कुछ टूटा-फूटा और बिखरा हुआ पड़ा है। पंडालम के एक राहत शिविर में रह रही सबिता ने कहा कि घर के रूप में उसके पास एक छोटी सी झोपड़ी थी और बारिश के पानी में वह भी बर्बाद हो गयी। उन्होंने कहा, च्च्मैं अपने बेटे के साथ सोई थी, उसी दौरान कीचड़ भरा पानी मेरे घर में घुस आया। मैं अपने बच्चे को लेकर जल्दी से वहां से निकली।’’ चेल्लमा (75) ओणम की तैयारी में लगी थी और उसी समय यह विभीषिका आ गयी। उन्होंने कहा, च्च्मैंने ओणम के लिए चावल, नारियल और कुछ और चीजें खरीद ली थी। कुछ भी नहीं बचा।’’ 
 

Anil dev

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