केरल में आई बाढ़ ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित

Monday, Aug 20, 2018 - 10:23 PM (IST)

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि केरल में आई भीषण बाढ़ ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित की गई है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन की प्रबलता को देखते हुए सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए यह गंभीर प्रकृति की एक आपदा है।’ केरल में इस मॉनसून और खासतौर पर पिछले एक हफ्ते में बारिश और बाढ़ के चलते हुए नुकसान पर विचार करते हुए यह फैसला किया गया।

 केरल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 216 लोगों की मौत हुई है जबकि 7. 24 लाख विस्थापित लोगों ने 5,645 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। जब कोई आपदा ‘दुर्लभ गंभीरता वाली/ गंभीर प्रकृति’ की घोषित की जाती है, तब राज्य सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर सहायता मुहैया की जाती है।

केंद्र राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) से भी अतिरिक्त सहायता देने पर विचार करता है। एक आपदा राहत कोष (सीआरएफ) स्थापित किया जाता है, और इसमें केंद्र और राज्य की साझेदारी तीन अनुपात एक (3: 1) की होती है। जब सीआरएफ में संसाधन कम पड़ता है, तब राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक कोष (एनसीसीएफ) से अतिरिक्त सहायता देने पर विचार किया जाता है। एनसीसीएफ में 100 फीसदी राशि केंद्र प्रदान करता है। 

आपदा को जब ‘गंभीर’ घोषित कर दिया जाता है तब प्रभावित लोगों को ऋृणों के पुर्नभुगतान में राहत और रियायती शर्तों पर नया ऋृण दिया जाता है। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवी धर्म रेड्डी के नेतृत्व वाली एक अंतर मंत्रालयी टीम ने बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आठ अगस्त को केरल का दौरा किया था।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि किसी भी प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर यदि एक अंतर मंत्रालयी टीम राज्य का दौरा करती है तो इसे स्वत: ही गंभीर प्रकृति के आपदा मान लिया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 अगस्त को राज्य का दौरा किया था और 100 करोड़ रुपए की तत्काल सहायता देने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 अगस्त को राज्य का दौरा किया और 500 करोड़ रुपए की सहायता देने की घोषणा की। केंद्र सरकार ने बाढ़ में मरने वाले लोगों के परिवार को दो - दो लाख रुपए और घायलों को 50 - 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। यह मुआवजा प्रधानमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा। कांग्रेस और वाम दल केरल में आई भीषण बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, केंद्र ने सोमवार को केरल उच्च न्यायालय को बताया कि किसी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई विधान या नियम नहीं है। 

केंद्र ने एक हलफनामे में कहा है कि यह केरल में बाढ़ की स्थिति को गंभीर प्रकृति की आपदा के तौर पर ले रहा है और इसने इसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंध दिशानिर्देशों के तहत आपदा की तीसरी श्रेणी में रखा है। बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की एक याचिका की प्रतिक्रिया में यह हलफनामा दाखिल किया गया है। थलसेना, नौसेना, वायुसेना और एनडीआरएफ केरल के बाढ़ प्रभावित 14 जिलों में लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है। 

shukdev

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