केरल बाढ़ःपायलट बोले-जरा भी चूक हो जाती, तो 3 सेकंड में टुकड़े हो जाता हेलीकॉप्टर
Monday, Aug 20, 2018 - 03:04 PM (IST)
मुंबईः केरल में एक इमारत की छत से 26 लोगों को बचाने वाले सीकिंग हेलीकॉप्टर के इस अभियान में जरा भी चूक हो जाती तो इसे टुकड़ों में बिखरने में महज तीन सैकंड लगते। इस रोमांचकारी बचाव अभियान का अनुभव साझा करते हुए पायलट ने कहा कि ‘‘रूफटॉप लो होवर इन ए लाइट ऑन व्हील्स’’ (छत पर लैंडिंग का तकनीकी नाम) के बाद यानी छत के निकट पहुंचकर हेलीकॉप्टर करीब आठ मिनट तक मंडराता रहा और फिर अभियान को अंजाम देने के बाद उसने उड़ान भरी। लेफ्टिनेंट कमांडर अभिजीत गरुण ने कहा कि मुझे ‘लाइट ऑन व्हील्स’ के लिए फैसला करना पड़ा जहां हेलीकॉप्टर का पूरा वजन छत पर नहीं डाला जाता। क्योंकि ऐसा होने पर छत धंस सकती है।’’
#OpMadad #KeralaFloodsRelief #KeralaFloods Wheelchair bound(paralysed below the waist) pregnant lady being winched up to safety in a very challenging hover by Captain P Rajkumar Shaurya Chakra. Location is some where in North of Aluva @DefenceMinIndia @nsitharaman @CMOKerala pic.twitter.com/KW0mw36eCu
— SpokespersonNavy (@indiannavy) August 20, 2018
केरल के बाढग़्रस्त चालाकुडी कस्बे में शुक्रवार को नौसेना के सीकिंग 42 बी हेलीकॉप्टर के इस अभियान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसे हजारों ‘हिट’ मिले हैं। चार लोगों को बचाने के बाद 22 अन्य लोगों को भी उठाना एक कठिन काम था और चालक दल के सदस्यों ने उक्त प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया। जब पायलट से पूछा गया कि कोई भी चूक होने पर क्या होता, इस पर 33 वर्षीय पायलट ने कहा, ‘‘हेलीकॉप्टर को पूरी तरह चकनाचूर हो जाने में तीन से चार सैकंड लगते। यह मेरे लिए मुश्किल फैसला था। मुझे खुशी है कि हमने सही फैसला किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह पायलट के उचित फैसले का उत्कृष्ट उदाहरण है।’’ बचाये गए लोगों में 80 साल के एक बुजुर्ग शामिल हैं जिन्हें कुछ सामान के साथ चालाकुडी से कोच्चि में नौसैनिक अड्डे आईएनएस गरुण पर पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि टीम वर्क और सदस्यों के बीच बेहतर तालमेल से यह अभियान संभव हो सका।