अपने बयान पर बुरे फंसे केजरीवाल, बोले-अपनी जेब से क्यूं दूं पैसा

Wednesday, Apr 05, 2017 - 11:22 AM (IST)

नई दिल्लीः मानहानि के मुकद्दमे का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी के बिल का भुगतान दिल्ली सरकार के खजाने से किए जाने पर घमासान मच गया है। भाजपा ने इसे जनता के पैसे पर डाका करार दिया है। वहीं सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए फीस देने के विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए अरविंद केजरीवाल ने विरोधियों पर हमला किया है। सीएम केजरीवाल दिल्ली के सीमापुरी इलाके में एमसीडी चुनाव में प्रचार के लिए जनसभा में हिस्सा लेने पहुंचे थे। केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, 'डीडीसीए में बहुत भ्रष्टाचार था।

क्रिकेट खेलने वाले बच्चे शिकायत लेकर आते थे कि रिश्वत न देने पर सिलेक्शन नहीं होता है। भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए मैंने इसके ऊपर जांच बैठा दी लेकिन भाजपा वालों ने मेरे ऊपर केस करवा दिया, तो मैंने सबसे बड़ा वकील किया राम जेठमलानी, तो ये लोग कहने लगे कि राम जेठमलानी की फीस सरकार क्यों देगी, अब जनता बताए फीस सरकार नहीं देगी तो क्या मैं दूंगा? ये लोग भ्रष्टाचार की लड़ाई को कमजोर करना चाहते हैं।' इससे पहले विवाद बढ़ने पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी मीडिया के सामने आकर कहा था कि 'इस मामले को उठाने की टाइमिंग पर सवाल उठते हैं। ये डेढ़ साल पुराना वकील की फीस का मामला ले आए हैं, क्योंकि भाजपा के ईवीएम घोटाले की मध्य प्रदेश में पोल खुल गई है।'

दूसरी ओर जेठमलानी की फीस के मसले पर सोशल मीडिया पर भी खूब चटखारे लिए जा रहे हैं। फिल्म अभिनेता परेश रावल ने ट्वीट कर सवाल किया है कि अभी यह हाल है, अगर कल को कोर्ट केजरीवाल पर फाइन लगाता है तो यह कौन भरेगा? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राम जेठमलानी ने केजरीवाल को 3.8 करोड़ रुपए का बिल भेजा है। इसके तहत उन्होंने एक करोड़ रुपए रिटेनरशिप के और 22 लाख प्रत्येक पेशी के मांगे हैं। इस हिसाब से तो केजरीवाल के लिए यह मुकदमा जेटली की ओर से मांगे गए मुआवजे से भी महंगा पड़ जाएगा।

Advertising