केजरीवाल सरकार के 2 साल: कुछ खट्टे, कुछ मीठे घटनाक्रम रहे

Monday, Feb 13, 2017 - 07:50 PM (IST)

नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल सरकार का 2 साल का टकरावों से भरा रहा कार्यकाल कल पूरा हो रहा है। इस दौरान आप द्वारा किए गए कुछ चुनावी वादे अधूरे रह गए, जबकि शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल के क्षेत्रों में जमीन पर कार्रवाई देखने को मिली। सत्तर में से 67 सीटें जीतकर फरवरी, 2015 में सत्ता में आई आप सरकार को सार्वजनिक स्थलों पर वाईफाई, पूरी दिल्ली में 10-15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने, मोहल्लों को अधिकार देने का कानून लाने और रियायती दर पर भोजन उपलध कराने वाले कैंटीन स्थापित करने सहित कुछ प्रमुख योजनाओं को अब भी लागू किया जाना है।  

आप ने सार्वजनिक परिवहन में उल्लेखनीय सुधार लाने का वादा किया था, लेकिन केजरीवाल सरकार डीटीसी के बेड़े में एक भी नयी बस शामिल नहीं कर सकी। इस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि सरकार के कार्यकाल के दौरान आठ लाख नौकरियां पैदा की जाएंगी, लेकिन इस मोर्चे पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। आप सरकार की कुछ बड़ी पहल सिरे नहीं चढ़ सकी जिसकी वजह केंद्र के साथ उसका सतत टकराव का रख रहा है। हालांकि नवनियुक्त उप राज्यपाल अनिल बैजल ने संकेत दिया है कि वह आप सरकार के साथ व्यवहार में एक सहयोगी रख अपनाने को तैयार हैं ताकि विकास की पहल को तेजी से लागू किया जा सके।  

आप सरकार और केंद्र के बीच उग्र संबंध उस समय चरम पर पहुंच गए जब सीबीआई ने मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार और 4 अन्य लोगों को पिछले साल जुलाई में भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद केजरीवाल ने लगभग हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधना शुरू कर दिया जिससे आप सरकार और केन्द्र के बीच कलह गहराती गई। 
 

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