लोगों के बीच रखें DMRC की आमदनी और खर्च: केजरीवाल

Sunday, Oct 01, 2017 - 08:03 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मेट्रो के खातों की ‘ऑडिट’ होने तक इसके किराये में प्रस्तावित वृद्धि रोकने की आज अपील की। उन्होंने कहा कि डीएमआरसी की आमदनी और खर्च के बारे में लोगों को बताया जाना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के खातों की ऑडिट जरूरी है क्योंकि अतीत में निजी बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) कथित फर्जी नुकसान दिखा कर बिजली का शुल्क बढ़ाती रही थी। 

मेट्रो को अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने की जरूरत
गौरतलब है कि डीएमआरसी किराये बढ़ाना चाहता है क्योंकि इस पर कर्ज का भारी बोझ है और तेजी से इसका परिचालन अनुपात भी बढ़ रहा है, जिसका मतलब है कि प्रत्येक रुपए की कमाई की तुलना में इसका खर्च बढ़ रहा है। डीएमआरसी की दलील को केजरीवाल ने त्रुटिपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि मेट्रो को अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेट्रो और यात्रियों की जरूरतों के बीच संतुलन कायम रखने की फौरन जरूरत है। दिल्ली सरकार द्वारा जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि डीएमआरसी की आमदनी और खर्च को लोगों के बीच रखा जाना चाहिए। 

मेट्रो का उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं: सिसोदिया
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी किराये में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा कि मेट्रो का उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है, बल्कि एक सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन प्रणाली मुहैया करना है। शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सिसोदिया ने कहा कि डीटीसी घाटे में हो सकती है लेकिन कम से कम यह लोगों की सेवा तो कर रही है। पुुरी ने कहा है कि केंद्र मेट्रो को एक और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) नहीं बनने देगा। केजरीवाल ने सुझाव दिया कि 10 अक्तूबर से किराया बढ़ोतरी के प्रभावी होने के प्रस्ताव को और 3-4 महीने के लिए रोक कर रखा जाए, जब तक कि केंद्र और दिल्ली सरकारें प्रस्ताव की जांच नहीं कर लेती। यदि बढ़ोतरी प्रभावी होती है तो किराये में अधिकतम 10 रुपए तक की बढ़ोतरी होगी।   

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