कश्मीर की कश्मीरियत को सहेजना मौजूदा पीढ़ी की जिम्मेदारी : डा निर्मल सिंह

Thursday, May 25, 2017 - 11:09 PM (IST)

श्रीनगर : उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह ने आज कहा कि कश्मीर को प्राचीन काल से ही आध्यात्मिकता, शांति और ज्ञान की भूमि के रूप में जाना जाता है और अब जिम्मेदारी विद्यमान पीढ़ी पर है कि इसका प्रसार और अनुपालन सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि युवाओं को आगे आकर वर्तमान में शांति के महत्व का प्रचार करने में भागीदारी की भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए सभी समावेशी और राज्य में किए जा रहे विकास की पहल में तेजी लाने के लिए कश्मीरीयत की जरूरत है।


उपमुख्यमंत्री आज यहां एसकेआईसीसी में पैराडाईज प्रोडक्शन्स द्वारा आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर पर्यटन और शिक्षा राज्य मंत्री प्रिया सेठी भी मौजूद थीं। इतिहास का हवाला देते हुए डॉ सिंह ने कहा कि कई प्रमुख बुद्धिजीवियों, दार्शनिकों और नेताओं ने हमेशा कहा है कि कश्मीर आध्यात्मिकता और सूफी धर्म का एक स्थान है।
डॉ सिंह ने कहा कि राज्य के युवाओं ने जीवन के विभिन्न क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी छाप छोड़ी है और उनकी उपलब्धियों को प्रोत्साहित करना समय की आवश्यकता है ताकि उन्हें अपेक्षित प्रोत्साहन प्राप्त हो, जो बदले में उन्हें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न युवा केंद्रित योजनाओं को शुरू करने और कार्यान्वित कर युवा मानव संसाधन को संलग्न करने की कोशिश कर रही है।


इस तरह के कार्यों के आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना करते हुए, उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन की आवृत्ति बढ़ाई जानी चाहिए ताकि कला और संस्कृति से संबंधित कार्यक्रमों में युवाओं की भागीदारी बढ़े। उन्होंने कहा कि घाटी के युवा संगीत और रचनात्मकता के क्षेत्र में बेहद प्रतिभाशाली हैं और इस समय की जरूरत है कि इसे उचित दिशा सुनिश्चित हो।

 

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