ऑफ द रिकार्ड: PM मोदी के आदेशों को पहनाया जा रहा अमलीजामा

Saturday, Aug 17, 2019 - 09:21 AM (IST)

नई दिल्ली: केंन्द्र ने कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों को सख्त हिदायत दी है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान कम सुरक्षा बल का इस्तेमाल किया जाए और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मानवता को मद्देनजर रख कार्रवाई हो। प्रधानमंत्री ने घाटी में अमन व चैन की बहाली के लिए अजीत डोभाल को तैनात किया है। उन्हें पी.एम. ने हिदायत दी है कि वह लोगों से मिल कर उनकी समस्याएं जानें। इससे पता चलता है कि सरकार मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है। सरकार की इसी सक्रियता के चलते अब तक घाटी में एक भी गोली नहीं चली है। इसके अतिरिक्त वहां आंसू गैस के गोले भी नहीं छोड़े गए। 


इससे पता चलता है कि वहां पी.एम. के निर्देशों को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाया जा रहा है लेकिन जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उनसे साफ दिख रहा है कि घाटी में विरोध प्रदर्शन जारी हैं और शांति बहाल नहीं हुई है। डोभाल की कोशिश थी कि ईद व स्वतंत्रता दिवस शांतिपूर्वक निपट जाएं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर को यू.टी. बनाए जाने के बाद वहां केंद्रीय सुरक्षा बलों ने पुलिस प्रशासन से सारे कार्यभार का नियंत्रण अपने अधीन कर लिया है। अब वहां सभी पुलिस थाने व सभी ओहदेदार सी.आर. पी.एफ. अधिकारी के अधीन होंगे व स्थानीय थानेदार   उसी अधिकारी को रिपोर्ट करेंगे। सरकार ने के. विजय कुमार को वहां राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सुरक्षा सलाहकार बनाकर जून 2018 से नियुक्त कर रखा था ताकि वह वहां पुलिस व आतंकियों के गठजोड़ को तोड़ सकें। 

संपूर्ण सूचना नैटवर्क जो पिछले 30 सालों से ध्वस्त हो चुका था, को जीवित करने के लिए इससे जुड़े लोगों को ईनाम व पूरी सुरक्षा दी गई है । पहले भाजपा-पी.डी.पी. गठबंधन टूटने के बाद मोदी ने अपने विश्वस्त आई.ए.एस. अधिकारी बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम  को  चीफ  सचिव  बनाया था। यह बात स्पष्ट है कि जब से भाजपा-पी.डी.पी. गठबंधन टूटा है तब से जम्मू-कश्मीर की कमान पी.एम.ओ. ने अपने नियंत्रण में ले ली थी।  

Anil dev

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