हफ्ते के सातों दिन खुला रहेगा करतारपुर कॉरिडोर, रोजाना 5000 यात्री कर सकेंगे दर्शन: सूत्र

Wednesday, Sep 04, 2019 - 04:54 PM (IST)

इस्लामाबाद: करतारपुर कॉरियोर पर हुई पाकिस्तान और भारत के अधिकारियों के बीच बैठक में फैसला लिया गया कि डेरा बाबा नानक साहिब गुरुद्वारे में रोजाना पांच हजार तक श्रद्धालु माथा टेक सकेंगे। सूत्रों के हवाले से खबर है कि करतारपुर कॉरियोर हफ्ते के सातों दिन खुला रहेगा। आज पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण एशिया और दक्षेस के महानिदेशक और विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डा. मुहम्मद फैजल ने किया। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा मिलेगी।

मसौदा समझौते को दिया जाएगा अंतिम रूप
जम्मू-कश्मीर पर को लेकर तनाव के बीच 4 सितम्बर को यह बैठक वाघा सीमा के भारत की ओर अटारी सीमा पर आयोजित होगी। उम्मीद है कि उक्त बैठक में दोनों देशों के अधिकारी गलियारे को खोलने को लेकर मसौदा समझौते को अंतिम रूप देंगे।   भारतीय अधिकारी करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक मसौदा समझौते में कुछ गैप को खत्म करने का प्रयास करेंगे । माना जा रहा है कि इस बैठक में कुछ उलझे वैचारिक मुद्दों को सुलझाने की कोशिश होगी। प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा मिलेगी। इन श्रद्धालुओं को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव द्वारा 1522 में स्थापित करतारपुर साहिब जाने के लिए मात्र एक परमिट लेना होगा।

तकनीकी पहलुओं पर हो चुकी बात
बता दें कि यह बैठक भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा करतारपुर गलियारे पर बातचीत के चार दिन बाद हो रही है। यह भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद दोनों पड़ोसियों के बीच उत्पन्न ताजा तनाव के बाद होने वाली ऐसी पहली बैठक थी। इससे पहले शुक्रवार को आयोजित बैठक करीब दो घंटे चली थी जिसमें दोनों पक्षों ने प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर ''अच्छी प्रगति होने की बात कही है।  

करतारपुर कोरिडोर होगा दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा-मुक्त गलियारा
दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान प्रतिदिन 5,000 सिख श्रद्धालुओं को देश में आने की अनुमति देगा। 1947 में दोनों देशों की आजादी के बाद से यह गलियारा दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा-मुक्त गलियारा होगा। 14 जुलाई को वाघा सीमा पर दोनों देशों के बीच दूसरे दौर की वार्ता के बाद फैजल ने कहा था, ''एक सकारात्मक प्रगति हुई है और हम आगे बढ़े। दोनों देश करतारपुर गलियारे को लेकर 80 प्रतिशत सहमत हो गए हैं। हमारे बीच इस मामले को लेकर बाकी 20 प्रतिशत मुद्दों को सुलझाने के लिए दूसरी बैठक हो सकती है।

भारत जीरो प्वाइंट पर कर रहा पुल का निर्माण
गौरतलब है कि पाकिस्तान भारतीय सीमा से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से सीमा तक के दूसरे हिस्से का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा। भारत जीरो प्वाइंट पर एक पुल का निर्माण कर रहा है और उसने पाकिस्तान से अपनी तरफ इसी तरह का एक पुल बनाने का आग्रह किया है जो तीर्थयात्रियों को सुरक्षित आवाजाही प्रदान करेगा और बाढ़ से संबंधित चिंताओं को दूर करेगा। यह पुल एक नाले के ऊपर है, जिसका अधिकांश हिस्सा पाकिस्तान में पड़ता है।

Tanuja

Advertising