करतारपुर कॉरिडोरः भारत ने ठुकराई पाक की शर्तें, फाइनल ड्राफ्ट पर नहीं किए हस्ताक्षर

Thursday, Sep 05, 2019 - 01:21 PM (IST)

इस्लामाबाद: सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारे को लेकर मसौदा समझौते और उसे चालू करने को लेकर पाकिस्तान और भारत के अधिकारियों के बीच तीसरे दौर की वार्ता बुधवार को अटारी में की गई ।  जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच हुई इस बैठक में भारत ने पाकिस्तान की  कई शर्तें को सिरे से नामंजूर कर दिया। पाक ने करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते से गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं से   20 अमेरिकन डॉलर (लगभग 1400 रुपए) यात्रा फीस वसूलने की शर्त रखी थी जिसे भारत ने अस्वीकार कर दिया । 

 

भारत के इस इंकार के जबाव पर पाक ने वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों व बीमार श्रद्धालुओं को यात्रा के समय किसी भी संभावित समस्या के निपटारे के लिए एक प्रोटोकाल अधिकारी को साथ जाने की भारत की शर्त मामने से इंकार कर दिया है। इससे दोनों देशों के बीच करतारपुर कॉरिडोर पर फाइनल ड्राफ्ट पर सहमति पर हस्ताक्षर नहीं हो सके। पाकिस्तान सरकार के इस अड़ियल रवैये के बावजूद इन दोनों मुद्दों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठनों को लेकर दी वार्निंग
विदेश मंत्रालय के अधिकारी एससीएल दास ने बताया की करतारपुर कॉरिडोर धार्मिक आस्था के साथ जुड़ा है। यात्रा बिना फीस के हो भारत सरकार इसके प्रयास जारी रखेगी। भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार की यात्रा फीस की वसूली की बात को अस्वीकार करते हुए स्पष्ट कर दिया की दुनिया भर में निर्मित धार्मिक कॉरिडोर में फीस वसूली का कोई भी प्रावधान नहीं है। अटारी सीमा पर स्थित बीएसएफ कांफ्रेंस हल में भारत-पाकिस्तान अधिकारियों के बीच तीन घंटे से अधिक चली इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया की पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन समूह श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं को भारत विरोधी गतिविधियों में रोकना व श्रद्धालुओं को सुरक्षा देनी पाकिस्तान सरकार की जिम्मेदारी होगी।  

श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भारत नहीं करेगा कोई भी समझौता
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर कोई भी समझौता नहीं होगा। पत्रकार वार्ता में दास ने कहा की करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की एक सूची पाकिस्तान को दस दिन पहले भेजी जाएगी। पाकिस्तान सरकार इस सूची को यात्रा शुरू होने से चार दिन पहले अपनी सहमति देगी। पाकिस्तान बताएगा की किस यात्री को उन्होंने यात्रा की आज्ञा दी है, किसे रोका गया है। केंद्र व पंजाब सरकार श्री करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक  पब्लिक पोर्टल बना रही है। श्रद्धालु इस पोर्टल में अप्लाई करेगा। यात्रा के लिए केवल पासपोर्ट की जरूरत होगी। जिन विदेशी भारतीयों के पास ओसीआई कार्ड है, वह भी इस रास्ते से करतारपुर साहिब जा सकते है।



बिना वीजा 5000 श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
बता दें कि इस बैठक में तय हुआ कि अब गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी। गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को गलियारे से पाकिस्तान में प्रवेश दिया जाएगा। यह गलियारा पूरे साल, सातों दिन खुला रहेगा और श्रद्धालु जब चाहें करतारपुर साहिब के दर्शन करने जा सकेंगे। उन्हें बस एक परमिट लेना होगा। विदेशी नागरिकता वाले भारतीय मूल के श्रद्धालु भी इस रास्ते से बिना वीजा के गुरुद्वारे के दर्शन करने जा सकेंगे। हालांकि पूरे मसौदे को लेकर दोनों देशों में अब भी कुछ मतभेद हैं, जिन पर अगली बैठक हो सकती है। पाकिस्तान श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वसूलना चाहता था, जिसका भारत ने विरोध किया।

 

वहीं पाकिस्तान ने भारत को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में काउंसलर व प्रोटोकॉल सुविधा देने से इनकार कर दिया है। करतारपुर गलियारे को लेकर दोनों पक्षों के बीच यह तीसरे दौर की बातचीत थी। इस दौरान पाकिस्तान से 15 सदस्यों वाला एक प्रतिनिधिमंडल वाघा बॉर्डर के रास्ते अटारी पहुंचा। विशेष पर्व और आयोजनों पर यह क्षमता बढ़ाई भी जा सकती है। करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की स्थापना सिखों के पहले गुरुर गुरु नानक देव जी ने 1522 में की थी। यह गलियारा पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब और भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक साहिब को जोड़ेगा।

Tanuja

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