करतारपुर कॉरिडोरः सकारात्मक रही भारत-पाक वार्ता, कई मुद्दों पर बनी सहमति
punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2019 - 05:55 PM (IST)
इस्लामाबादः पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में बढ़ी तल्खी कम करने के लिए करतारपुर कॉरिडोर के मसौदा समझौते पर चर्चा के लिए पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल आज 14 मार्च को भारत आया। करतारपुर कॉरिडोर को लेकर आवश्यक विचार-विमर्श करने व महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए अटारी-वाघा बॉर्डर पर आज भारत और पाकिस्तान के बीच हुई बातचीत सकारात्मक रही। इसके बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों का संयुक्त बयान सामने आया। इसमें बताया गया कि बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में दोनों देशों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं व दर्शन करने के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई।
India-Pakistan joint statement on Kartarpur talks: Both sides held detailed and constructive discussions on various aspects and provisions of the proposed agreement and agreed to work towards expeditiously operationalizing the Kartarpur Sahib Corridor. https://t.co/rHFvqejraJ
— ANI (@ANI) March 14, 2019
कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान सरकार और भारत सरकार द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श किया गया। कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है और कुछ पर विचार किया जाना है। संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देशों की तरफ से कॉरिडोर के निर्माण को लेकर तकनीकी विशेषज्ञों से भी बातचीत की गई। मुद्दे को लेकर अब अगली बैठक 2 अप्रैल 2019 को होगी। इस बीच दोनों देशों की सरकारों से बातचीत करके प्रस्ताव में शामिल किए गए प्रावधानों पर बात की जाएगी। इसके बाद भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी 28 मार्च को इस्लामाबाद का दौरा करेगा। इस बैठक को दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच तनाव घटाने में सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
लेकिन इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए कहा कि जब तक पाक आतंकवाद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है, तब तक उनके साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है।उन्होंने कहा कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। सुषमा स्वराज ने कहा कि अगर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान इतने ही उदार हैं तो मसूद अजहर को भारत को क्यों नहीं सौंप देते। उधर, पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इसकी पुष्टि की है और इस फैसले की जानकारी देने के लिए भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त गौरव अहलुवालिया को विदेश मंत्रालय बुलाया। पाकिस्तान ने शर्त रखी थी कि करतारपुर गलियारे को लेकर वह अपना प्रतिनिधिमंडल तभी भेजेगा, जब भारत भी इस्लामाबाद में होने वाली अगली मीटिंग में अपना दल भेजेगा। पु
लवामा अटैक और एयर स्ट्राइक के बाद बेहद तल्ख माहौल के बावजूद भारत ने पिछले हफ्ते ही (विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की रिहाई से पहले) कहा था कि वह करतारपुर पर होने वाली मीटिंग कैंसल नहीं करेगा। केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है बालाकोट में इंडियन एयरफोर्स की एयर स्ट्राइक 'सीमित और आतंक के खिलाफ' कदम था। सरकार के सूत्रों का कहना है, 'पाकिस्तान ने दो मुल्कों के बीच जंग का माहौल बनाया था। भारत की तरफ से कभी नहीं कहा गया कि वह करतारपुर को लेकर होने वाली मीटिंग कैंसल करेगा।' बता दें कि कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के करतारपुर से भारत के गुरदासपुर जिले स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे तक विशेष कॉरिडोर खोलने पर दोनों सरकारों के बीच सहमति बनी थी। करतारपुर में ही गुरु नानक देव जी ने जीवन का अंतिम समय बिताया था।