कर्नाटक सरकार पर छाए फिर संकट के बादल, दिल्ली में कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग जारी

Saturday, Jul 06, 2019 - 06:44 PM (IST)

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसी को लेकर कांग्रेस की दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग जारी है। बैठक में सबी वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। इसमें वरिष्ठ कांग्रेस महासचिव मोतीलाल वोरा, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुकुल वासनिक आदि नेता मौजूद हैं। बता दें कि शनिवार को कांग्रेस और जेडीएस के 11 विधायकों ने इस्तीफा सौंफ दिया है। माना जा रहा है कि 11 विधायकों के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ गई है।

कुमार ने कहा, ‘‘मैं अपनी विधानसभा सदस्यता छोड़ रहा हूं और मैं कह सकता हूं कि मैं केवल एक हूँ जो यह कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता कि कई और कांग्रेस और जद (एस) के विधायक विधानसभा की सदस्यता छोड़ सकते है।'' लंबे समय से असंतुष्ट विधायक बी.सी. पाटिल, रमेश जारकीहोली, उमेश कामतल्ली, जे.एन. गणेश, बी नागेंद्र, भीरथी बसंतराज (सभी कांग्रेस से), और एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और गोपालैया सभी जद (एस) से ने कथित रूप से राज्य विधानसभा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। विजय नगर से कांग्रेस विधायक आनंद सिंह पिछले सप्ताह ही विधानसभा से इस्तीफा दे चुके है।

क्या कहता है गणित
बता दें कि कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं, बहुमत के लिए 113 विधायक चाहिए। फिलहाल बीजेपी के 105 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 80 और जेडीएस के पास 37 विधायक हैं।  इस तरह से दोनों के पास कुल 117 विधायक हैं। बीएसपी और निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं। अब अगर आज 12 विधायक स्पीकर को इस्तीफा सौंप देते हैं तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 70 हो जाएगी और वहीं जेडीएस के विधायकों की संख्या 34 हो जाएगी। यानी दोनों के विधायक मिलाकर 105 होंगे।  दो बीएसपी और निर्दलीय विधायक को जोड़ भी देते हैं तो 106 विधायक ही होंगे। अगर यह विधायक इस्तीफा देते हैं तो बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने की उम्मीद बढ़ जाएगी। 


 

विधायकों के इस्तीफे के पीछे भाजपा नहीं: येदियुरप्पा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा है कि कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के 12 विधायकों के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे के पीछे भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।येदियुरप्पा ने कहा, ''मौजूदा सरकार के संकट के लिये हम जिम्मेदार नहीं हैं और भाजपा का गठबंधन सरकार के 12 विधायकों के इस्तीफे के पीछे कोई हाथ नहीं है। हमने राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखते हुए इंतजार करने का निर्णय लिया है और समय आने पर उचित निर्णय लिया जाएगा।''

 

 

 

 

Anil dev

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