कर्नाटक सरकार ने दी राज्य के अलग ध्वज को मंजूरी, केंद्र के पास भेजा प्रस्ताव

Thursday, Mar 08, 2018 - 07:07 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कन्नड़ अस्मिता का दाव खेल दिया है। सिद्धरमैया सरकार ने राज्य के अलग झंडे को अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार ने प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है और केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद यह ध्वज प्रदेश का अधिकारिक रूप से राज्य का राजकीय झंडा बन जाएगा। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धरमैया का यह फैसला कर्नाटक में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाना माना जा रहा है।

ध्वज का नाम 'नाद ध्वज'
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने गुरुवार को अपने आवास पर झंडे का अनावरण किया। ध्वज की आकृति आयताकार है, इसमें तीन रंग लाल, सफेद और पीले रंग की पट्टी हैं, बीच में राज्य के प्रतीक दो सिर वाला पौराणिक पक्षी गंधा भेरुण्डा दर्शाया गया है। झंडे को 'नाद ध्वज' नाम दिया गया है। झंडे का डिजाइन 1960 के दशक में वीरा सेनानी एम. ए. राममूर्ति द्वारा तैयार किया गया था।

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत अभी तक केवल जम्मू कश्मीर को ही यह दर्जा हासिल है। इसके अतिरिक्त किसी राज्य के पास अपना अलग झंडा नहीं है। वहीं कर्नाटक के ध्वज को केंद्र से मंजूरी मिल जाती है। तो कर्नाटक अलग झंडे वाला दूसरा राज्य बन जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार ने कई मौकों पर यह स्पष्ट किया है कि देश का ध्वज सिर्फ एक ही है, तिरंगा। ऐसे में केंद्र की ओर से कर्नाटक के झंडे को मंजूरी मिलना फिलहाल मुंमकिन नहीं लग रहा है। वहीं गृह मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। जिसमें राज्य के लिए अलग झंडे की बात की गई हो या फिर झंडे को कहीं बैन करने की बात करता हो। भारतीय जनता पार्टी राज्य में अलग झंडे को देश की एकता और अखंडता के खिलाफ मानती है। 

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