कर्नाटकः 3 लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव ऐलान से कांग्रेस-जेडीएस परेशान

Monday, Oct 08, 2018 - 09:42 PM (IST)

नेशनल डेस्कः चुनाव आयोग ने शनिवार को कर्नाटक की तीन लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर चुनाव के ऐलान के बाद कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार की परेशानी को बढ़ा दिया है। आयोग ने शिमोगा, बेल्लारी और मांड्या लोकसभा सीटों और जामखंडी, रामनगर विधानसभा सीट पर चुनाव कराने का ऐलान करके सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया है। आम चुनाव से पहले होने वाले इन उपचुनावों को लेकर कांग्रेस और जेडीएस में भ्रम पैदा हो गया है।



2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं और राज्य के तीनों बड़े दल बीजेपी, जेडीएस और कांग्रेस को बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था कि चुनाव आयोग बीएस येदियुरप्पा, बी श्रीमलुरु और सीएस पुत्ताराजू द्वारा छोड़ी गई लोकसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर देगा। कांग्रेस विधायक सिद्धू न्यायगौड़ा की मौत, और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की दो सीटों पर जीत के बाद रामनगर विधानसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद इन सीटों पर भी उपचुनाव कराने की जरूरत पड़ी।



तीनों पार्टियों के नेताओं का कहना है कि इतने कम समय के लिए उपचुनाव कराने की कोई जरूरत नहीं थी, हालांकि इनमें से दो लोकसभा सीट बीजेपी के पास हैं और उसने शिमोगा के लिए पहले से ही उम्मीदवार घोषित कर रखा है। येदियुरप्पा के बेटे और पूर्व सांसद यहां से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने बी श्रीरालुरु को बेल्लारी से अपनी पसंद का उम्मीदवार घोषित करने को कहा है। इसके अलावा बीजेपी मंड्या सीट पर जेडीएस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मदभेदों का लाभ लेने की योजना बना रही है।



मांड्या सीट पर जेडीएस का कब्जा है, इसलिए गौड़ा ने यहां से जेडीएस का उम्मीदवार उतारने के लिए कांग्रेस से आग्रह किया है। कांग्रेस का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा है और दावा कर रहा है कि कांग्रेस की मौजूदा सासंद राम्या दिव्या स्पंदना 2014 में जेडीएस उम्मीदवार से सिर्फ 5,000 वोटों से हारीं थीं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, अगर हम जेडीएस के खिलाफ मंड्या से अपना उम्मीदवार उतारते हैं, तो गठबंधन की सरकार गिर जाएगी और अगर हम जेडीएस को मंड्या में वापस लाते हैं तो हमारी पार्टी वहां से पूरी तरह खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मह वहां काफी मजबूत हैं और यह हमारे लिए सुनहरा मौका है।



उधर जेडीएस और कांग्रेस के बीच जमखंडी विधानसभा सीट को लेकर कोई मतभेद नहीं है। पिछले चुनाव में यहां जेडीएस को 1 हजार से भी कम वोट मिले थे। कांग्रेस ने दिवंगत विधायक सिद्धू न्यामुगड़ा के बेटे आनंद नय्मुगड़ा को उतारने का निर्णय किया है। जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा और राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने कहा कि सभी मुद्दों को एक या दो दिनों में हल किया जाएगा और वे संयुक्त रूप से सभी पांच सीटों में बड़ी लड़ाई करेंगे।  

Yaspal

Advertising