कर्नाटक में कांग्रेस-जे.डी.एस. गठजोड़ BJP के लिए खतरे की घंटी!

Friday, Nov 09, 2018 - 01:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क (धवन): कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन ने कर्नाटक में सम्पन्न हुए उपचुनावों में 5 में से 4 सीटें जीत कर भाजपा को भारी शिकस्त दी है, जो 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले भाजपा के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है। इन चुनावों के नतीजों से कांग्रेसियों का मनोबल बढ़ा है। बेल्लारी लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने भाजपा को हराया, जबकि अन्य 4 सीटों पर कांग्रेस-जे.डी.एस. के उम्मीदवार दोबारा निर्वाचित हुए हैं। इन उपचुनावों के नतीजों से एक सियासी संदेश भी खुलकर सामने आ गया है। यह प्रश्र और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस और जे.डी.एस. ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया हुआ है। 

 

राजनीतिक विश्लेषकों ने तो पहले ही कह दिया था कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व अगर कांग्रेस और जे.डी.एस. के बीच चुनावी गठजोड़ हुआ होता तो 222 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन 150 से अधिक सीटें जीत लेता। कर्नाटक में कांग्रेस और जे.डी.एस. के गठजोड़ ने दिलचस्प सियासी स्थिति पैदा कर दी है। रामानगरा विधानसभा सीट तथा मांडेया लोकसभा सीट पर जे.डी.एस. की स्थिति शुरू से ही मजबूत रही है। कांग्रेस के साथ चुनावी गठजोड़ होने से गठबंधन ने भाजपा को पराजित कर दिया। 


अन्य सीटों पर कांग्रेस-जे.डी.एस. गठजोड़ ने अपनी स्थिति भाजपा के मुकाबले काफी मजबूत की है। अगर दोनों पार्टियों के बीच गठजोड़ कायम रहता है तो कर्नाटक में 2019 में भाजपा को भारी नुकसान के लिए तैयार रहना होगा। 2014 में लोकसभा चुनाव में 28 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 17 सीटें जीती थीं। पिछले विधानसभा चुनाव तथा मौजूदा उपचुनावों में प्राप्त वोटों का अगर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो स्पष्ट होता है कि गठबंधन का वोट बैंक काफी बढ़ा है। अगर जमाखंडी विधानसभा सीट पर वोट प्रतिशत देखा जाए तो कांग्रेस-जे.डी.एस. का वोट बैंक 5.2 प्रतिशत से बढ़ कर 25.27 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसी तरह से रामानगरा विधानसभा सीट पर पिछले चुनावों का औसत 80.4 था, जबकि इस बार यह 70.7 प्रतिशत रहा।

Anil dev

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