कपिल सिब्बल ने ओडिशा रेल हादसे को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- कोई जवाबदेही नहीं
punjabkesari.in Sunday, Jun 04, 2023 - 02:28 PM (IST)
नेशनल डेस्क: राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने ओडिशा में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे को लेकर रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि रेलवे और संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी जैसे बड़े मंत्रालयों को एक मंत्री नहीं संभाल सकता, जैसा कि अश्विनी वैष्णव कर रहे हैं। ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा स्टेशन के पास शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने के कारण हुए भीषण रेल हादसे में कम से कम 288 यात्रियों की मौत हुई है और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गए।
Ashwani Vaishnav
— Kapil Sibal (@KapilSibal) June 4, 2023
Minister for IT and Electronics
Minister for Railways
No Railway Budget
No Accountability
One minister cannot deal with such large ministries
Bullet Trains
Vande Bharat
Serve the extraordinary
Let down the ordinary!
Recipe for disaster !
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, “अश्विनी वैष्णव, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री और रेल मंत्री। रेल बजट नहीं। कोई जवाबदेही नहीं। इतने बड़े मंत्रालयों को एक मंत्री नहीं संभाल सकता। बुलेट ट्रेन। वंदे भारत। खास लोगों को सुविधाएं दो, आम जनों को छोड़ दो! आपदा को दावत देने का तरीका!”
Tragedies
— Kapil Sibal (@KapilSibal) June 4, 2023
Total derailments ;
257(2017-18)
526(2018-19)
399(2019-20)..
Reasons(CAG) :
1)Maintenance of track(167)
2)Deviation of track parameters(149)
3)Bad driving(144)
For the ₹1 lakh cr. allocated2017-22) for Safety
Railways failed to deposit even ₹5000 cr each year !
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में दावा किया, “हादसे-(ट्रेन के) पटरी से उतरने की कुल घटनाएं : 257 (2017-18); 526 (2018-19); 399 (2019-20)...कारण : कैग के अनुसार, 1) पटरियों की मरम्मत (167); 2) ट्रैक निर्माण पैमानों की अनदेखी (149); 3) चालक की लापरवाही (144)। 2017 से 2022 तक सुरक्षा के लिए आवंटित एक लाख करोड़ रुपए में से रेलवे हर साल 5,000 करोड़ रुपए भी देने में नाकाम रहा।”
केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली और दूसरी सरकार में मंत्री रहे सिब्बल पिछले साल मई में कांग्रेस से अलग हो गए थे। वह समाजवादी पार्टी (सपा) के समर्थन से राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे। उन्होंने हाल में गैर-चुनावी मंच ‘इंसाफ' की स्थापना की थी।