दिल्ली विधानसभा में हंगामा: कपिल मिश्रा को सदन से किया बाहर

Monday, Nov 26, 2018 - 05:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा में सोमवार को विशेष सत्र शुरू होते ही हंगामा हुआ। अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की मांग पर अड़े रहने और अध्यक्ष के आदेशों को मानने से इनकार करने की वजह से विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और आम आदमी पार्टी (आप) के बागी नेता कपिल मिश्रा को मार्शल ने सदन से बाहर कर दिया। दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद मार्शलों ने मिश्रा को सदन से बाहर निकाल दिया।


मिश्रा ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल और राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे 'अवैध बांग्लादेशियों' के मुद्दों को उठाने का प्रयास किया था। दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के नियंत्रण में लाए जाने के सरकार के एक प्रस्ताव पर गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन के भाषण को बाधित करना जारी रखने पर भाजपा नेता गुप्ता को भी इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पडा। कई चेतावनियों के बावजूद गुप्ता ने मंत्री के भाषण पर आपत्ति जताई। जब वह शांत नहीं हुए तो अध्यक्ष राम निवास गोयल ने भाजपा विधायक को सदन से बाहर किए जाने के निर्देश मार्शलों को दिए।

     

अपने भाषण के दौरान जैन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हाल में हुए हमले को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और पुलिस की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस अपराध को नियंत्रित करने में विफल रही है। उन्होंने मांग की कि दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन लाया जाना चाहिए। शोक संदेशों को पढ़े जाने के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मिश्रा ने डीटीसी के संविदा कर्मचारियों और राजधानी में रह रहे 'अवैध बांग्लादेशियों' के मुद्दों को उठाने का प्रयास किया। 


अध्यक्ष गोयल ने मिश्रा को अपनी सीट पर जाने के लिए कहा, लेकिन विधायक ने इन दो मुद्दों पर चर्चा कराए जाने की मांग की। मिश्रा के अपनी मांग पर अड़े रहने के बाद गोयल ने मार्शलों को विधायक को सदन से बाहर ले जाने के निर्देश दिए। इसके बाद मिश्रा ने ट्वीट किया कि मैं प्रदूषण, डीटीसी कर्मचारियों के रोजगार और अवैध बांग्लादेशियों के मुद्दों को उठाने का प्रयास कर रहा था। यह 19वीं बार है जब सदन का सत्र शुरू होते ही मार्शलों ने मुझे सदन से बाहर निकाल दिया। सदन के विभिन्न नियमों के तहत विपक्षी भाजपा विधायकों ने भी मुद्दों को उठाने का प्रयास किया, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी।     

vasudha

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