कानपुर में नमाज के बाद बवाल की बड़ी साजिश! जुबैर गाजी समेत 26 पर केस, CM योगी के आदेश पर पुलिस का बड़ा एक्शन

punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 07:57 AM (IST)

Kanpur News: 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश में माहौल गर्म है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख के बाद अब पुलिस भी एक्शन में आ गई है। कानपुर के सुजातगंज इलाके में जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ ऑडियो चलाकर माहौल खराब करने की कोशिश की गई, जिस पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक नामजद सहित कुल 26 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इलाके में अब चौकसी बढ़ा दी गई है।

क्या हुआ था?
मिली जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार (जुमे) को नमाज के बाद, सुजातगंज की अजमेरी मस्जिद से लोग बाहर निकले। इसी दौरान मदार होटल तिराहा पर एक व्यक्ति, जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी (उम्र 46 वर्ष, मूल निवासी गाजीपुर, वर्तमान में चंदारी सुजातगंज), ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ एक भड़काऊ ऑडियो क्लिप चला दी। उसकी इस हरकत से 20–25 युवक वहां इकट्ठा हो गए और माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को समझा-बुझाकर वहां से हटा दिया, जिससे कोई बड़ा बवाल नहीं हुआ।

क्या कहना है पुलिस का?
सुजातगंज चौकी प्रभारी राजमोहन मिश्र ने बताया कि ऑडियो चलाने का मकसद लोगों को भड़काकर दंगा कराने की कोशिश थी। रेलबाजार थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि जुबैर के खिलाफ और अन्य 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 192 – दंगा भड़काने के लिए उकसाना, धारा 189(2) – गैरकानूनी रूप से भीड़ इकट्ठा करना के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने सख्त लहजे में कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

राजनीति भी गरमाई – सपा विधायकों ने उठाए सवाल
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अमिताभ बाजपेयी, हसन रूमी और नसीम सोलंकी ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात की। उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि पुलिस को किसी निर्दोष को न फंसाते हुए सिर्फ असली दोषियों पर ही कार्रवाई करनी चाहिए। सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कहा कि कुछ लोग पेशेवर बवाली हैं। वे हर त्योहार – चाहे वह बारावफात हो या दीपावली  में समाज में भ्रम फैलाकर बवाल करते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि घटना के 5 दिन बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई और कानपुर से बाहर और यहां तक कि विदेशों में विरोध क्यों हो रहा है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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