कन्हैया पर केस चलाने को लेनी होगी मंजूरी : कोर्ट

Wednesday, Jul 24, 2019 - 04:14 AM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने राजद्रोह मामले में जवाहरलाल जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के वास्ते आवश्यक मंजूरी हासिल करने के लिए मंगलवार को दिल्ली पुलिस को दो महीने का समय दिया। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट मनीष खुराना ने मंगलवार को यह आदेश दिया। 

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस आधार पर और समय मांगा था कि संबंधित प्रशासन से उसे मंजूरी नहीं मिली है। अदालत ने पुलिस उपायुक्त से मंजूरी हासिल करने के मुद्दे पर स्थिति रिपोर्ट भी मांगी और इस पर सुनवाई की अगली तारीख 18 सितंबर तय की। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसे मंजूरी के संबंध में दिल्ली सरकार के गृह विभाग से कोई सूचना नहीं मिली है। 

पुलिस ने इस साल 14 जनवरी को कन्हैया कुमार, उमर खालिद एवं अनिर्बान भट्टाचार्य समेत विश्वविद्यालय के कई अन्य पूर्व विद्याॢथयों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वे नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में निकाले गए जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने उस कार्यक्रम में लगाये गये राजद्रोही नारों का समर्थन किया था। अदालत ने इससे पहले पुलिस को इस मामले में कुमार और अन्य पर मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी हासिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया था। 

दिल्ली सरकार ने नहीं लिया कोई फैसला 
जेएनयू मामले में कन्हैया कुमार के खिलाफ  देशद्रोह संबंधी मुकदमे में दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आमने-सामने आ गई है। सरकार ने इस विषय पर स्टैंडिंग काउंसिल से राय ले ली है। स्टैंडिंग काउंसिल की राय को किसी से साझा नहीं किया गया है और इस पर विचार जारी है। दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस को कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देगी या नहीं, इस पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है।  कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस द्वारा कन्हैया पर चार्जशीट दाखिल कर दिया गया है। लेकिन दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रक्रिया के पूर्व सरकार की अनुमति आवश्यक है और चार्जशीट सरकार से अनुमति लिए बगैर दाखिल कर दी गई है। 

दिल्ली सरकार ने कन्हैया कुमार के मामले में दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है कि क्या इस मामले में सही रूप से न्याय प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है। अन्यथा क्यों आनन-फानन में पुलिस ने चार्जशीट फाइल किया है। उक्त मामले को बीते तीन साल हो चुके हैं तो क्यों दिल्ली पुलिस बिना सरकार से अनुमति लिए बगैर चार्जशीट फाइल करना जरूरी समझा। इसके पूर्व 9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैंपस में छात्रों के एक ग्रुप द्वारा नारेबाजी कर रही थी। वसंत कुंज थाने में दर्ज एफआईआर में कहा गया कि उमर खालिद व अनिर्वान भट्टाचार्य ने सांस्कृतिक समारोह आयोजन करने की अनुमति मांगी थी। कश्मीर को स्व निर्णय के अधिकार मिले,इससे संबंधित पोस्टर भी देखने को मिले थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिलने पर भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 

Pardeep

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