कन्हैया की रिहाई पर विपक्ष ने कहा, भाजपा सरकार के खिलाफ लंबी लड़ाई में पहली जीत

Wednesday, Mar 02, 2016 - 11:46 PM (IST)

नई दिल्ली: जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार को जमानत का स्वागत करते हुए विपक्षी दलों ने आज इसे केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ ‘‘लंबी लड़ाई’’ में पहली जीत करार दिया और आरोप लगाया कि उस पर ‘‘आरएसएस विरोधी’’ होने पर देशद्रोह का ‘‘झूठा आरोप’’ लगाया गया।  
 
कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘पहली बात तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था। देशद्रोह का आरोप पूरी तरह से गैरजरूरी था। यह सरकार की एजेंसी का दुरूपयोग है।’’ उन्हांेने कहा, ‘‘सरकार के अनुसार अगर कोई भाजपा या आरएसएस के खिलाफ है तो वह राष्ट्र विरोधी है। इसलिए इस लड़के को राष्ट्रविरोधी नहीं बल्कि भाजपा विरोधी होने पर गिरफ्तार किया गया।’’ वामदलों ने जमानत का स्वागत करते हुए कहा कि अगर कुमार के खिलाफ आरोप विश्वसनीय होते तो उसे यह राहत नहीं मिलती।  
 
भाकपा नेता डी राजा ने कहा, ‘‘लंबी लड़ाई की यह पहली जीत है, कन्हैया कुमार पर आरोप झूठे हैं। उसे सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए अन्य लोगों की तरह निशाना बनाया गया।’’ उधर, आम आदमी पार्टी ने जेएनयू विवाद में कथित ‘‘छेड़छाड़’’ वाले वीडियो दिखाने के लिए टीवी चैनलों की आलोचना की। पार्टी ने इस मामले में कन्हैया को अंतरिम जमानत पर संतुष्टि जताई।  
 
आप की दिल्ली इकाई के संयोजक दिलीप पांडेय ने कहा कि कन्हैया को अंतरिम जमानत मिलना तब तक उनकी जीत नहीं है जब तक कि फर्जी वीडियो के पीछे के लोग सामने नहीं आते। उन्हांेने कहा, ‘‘अंतरिम जमानत कन्हैया की जीत नहीं है। जब तक फर्जी वीडियो के पीछे के लोग जेल नहीं जाते हैं तब तक लोकतंत्र शर्मसार रहेगा।’’
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