इलेक्शन डायरी: कंधार हाईजैक : आज भी भारी पड़ रही है सरकार की नरमी

Sunday, Apr 28, 2019 - 05:06 AM (IST)

इलेक्शन डेस्क(नरेश कुमार): देश में पूरे 5 साल तक पहली गठबंधन सरकार सफलतापूर्वक चलाने वाले दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कार्यकाल वैसे तो देश में राजमार्गों के विकास के तौर पर जाना जाता है लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान वाजपेयी से भी एक ऐसी चूक हुई जिसका खमियाजा देश को आज तक भुगतना पड़ रहा है। यह चूक थी कंधार हाईजैक मामले में आतंकी अजहर मसूद को रिहा करने की। 

हालांकि दिसम्बर 1999 में उस दौरान स्थितियां सरकार के हाथ में नहीं थीं और सरकार के विकल्प भी काफी सीमित थे लेकिन इस मामले पर सरकार के फैसले को आज भी विपक्ष कटघरे में खड़ा करता है। दरअसल 24 दिसम्बर 1999 को एयर इंडिया के काठमांडू से दिल्ली आ रहे आई.सी. 814 जहाज को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। यह जहाज बाद में अफगानिस्तान की राजधानी कंधार ले जाया गया। इसमें 176 यात्री और 15 क्रू मैंबर सवार थे और आतंकी इन यात्रियों की जान की सुरक्षा के बदले में आतंकियों की रिहाई चाहते थे। 

उस समय कांग्रेस ने सरकार पर भारी दबाव बनाया और जनता के दबाव के चलते तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह को मसूद अजहर, उमर  सईद शेख और मुश्ताक अहमद को कंधार ले जाकर आतंकियों के हवाले करना पड़ा। बाद में मसूद अजहर ने 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और इसी के आतंकी संगठन ने 2001 में भारतीय संसद पर हमले और मुम्बई में हमले की प्लानिंग की। 

वाजपेयी सरकार के आतंकियों को छोडऩे के इस फैसले को सुरक्षा जानकार आज भी भारी चूक मानते हैं और जानकारों का मानना है कि सरकार ने आतंकियों के साथ एक हफ्ते की बातचीत के दौरान भारत का पक्ष कमजोर किया क्योंकि विमान में तेल कम होने के कारण जब उसे अमृतसर में उतारा गया तो विमान को कंधार ले जाने से रोका जा सकता था लेकिन सरकार ने नरम रवैया अपनाया और जहाज अमृतसर से लाहौर व दुबई होते हुए कंधार पहुंच गया।    

Pardeep

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