काली पोस्टर विवाद : कनाडा के संग्रहालय ने जताया खेद, भारतीय उच्चायोग ने की आपत्तिजनक सामग्री हटाने की अपील

Wednesday, Jul 06, 2022 - 11:26 AM (IST)

टोरंटो: ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा कनाडाई प्राधिकारियों से लघु फिल्म ‘काली' से जुड़ी सभी आपत्तिजनक सामग्री को लेकर विरोध जताने के बाद टोरंटो स्थित आगा खान संग्रहालय ने हिंदू देवताओं के अनुचित चित्रण के लिए हिंदू समुदाय और अन्य धर्मों के सदस्यों से अनजाने में हुए अपराध करने के लिए गहरा खेद व्यक्त किया है।  भारतीय  उच्चायोग ने कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय के नेताओं से वहां प्रदर्शित लघु फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी के ‘अपमानजनक चित्रण' को लेकर शिकायतें मिलने के बाद  ये पोस्टर हटाने की अपील की है। है।

दरअसल, टोरंटो में रहने वाली फिल्मकार लीना मणिमेकलई ने शनिवार को ट्विटर पर अपनी लघु फिल्म ‘काली' का पोस्टर साझा किया था, जिसमें हिंदू देवी को धूम्रपान करते और हाथ में एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा थामे हुए दिखाया गया है। इस पोस्टर के सामने आने के बाद मणिमेकलई पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगने लगे। यही नहीं, सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलई' (लीना मणिमेकलई को गिरफ्तार करो) हैशटैग ट्रेंड करने लगा। वहीं, ‘गौ महासभा' नामक समूह के एक सदस्य ने बताया कि उसने दिल्ली पुलिस में मणिमेकलई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

 

ओटावा में भारतीय उच्चायोग की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि उसे कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय के नेताओं से उस लघु फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी के ‘अपमानजनक चित्रण' को लेकर शिकायतें मिली हैं, जिसका ‘अंडर द टेंट' प्रोजेक्ट के तहत टोरंटो के आगा खान संग्रहालय में प्रदर्शन किया गया था। बयान के मुताबिक, “टोरंटो में हमारे महावाणिज्य दूतावास ने कार्यक्रम के आयोजकों को इन चिंताओं से अवगत कराया है। हमें यह भी जानकारी मिली है कि कई हिंदू संगठनों ने मामले में कार्रवाई के लिए कनाडाई अधिकारियों से संपर्क किया है।” इसमें कहा गया है, “हम कनाडाई अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से इस तरह की भड़काऊ सामग्री को वापस लेने का आग्रह करते हैं।”

तमिलनाडु के मदुरै में जन्मी मणिमेकलई ने सोमवार को कहा कि वह जब तक जिंदा हैं, तब तक बेखौफ होकर अपनी आवाज का इस्तेमाल करती रहेंगी। विवाद पर प्रकाशित एक लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए मणिमेकलई ने ट्वीट किया, “मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं जब तक जिंदा हूं, एक ऐसी आवाज के साथ जीना चाहती हूं, जो मेरे मन की बात को बेखौफ होकर कह सके। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है तो मैं इसे चुका सकती हूं।” एक अन्य लेख के जवाब में उन्होंने लिखा, “यह फिल्म एक शाम को टोरंटो की सड़कों पर घूमने के समय ‘काली' के सामने घटी घटनाओं को दर्शाती है। अगर वे फिल्म देखेंगे तो ‘अरेस्ट लीना मणिमेकलई' के बजाय ‘लव यू लीना मणिमेकलई' (हम आपसे प्यार करते हैं लीना मणिमेकलई) हैशटैग का इस्तेमाल करेंगे।”

 

साल 2021 में प्रदर्शित ‘मादाथी-एन अनफेयरी टेल' से अपने निर्देशन करियर की शुरुआत करने वाली मणिमेकलई धार्मिक चित्रण को लेकर विवादों में घिरने वाली पहली फिल्मकार नहीं हैं। साल 2017 में फिल्मकार सनल कुमार शशिधरन की मलयालम फिल्म ‘सेक्सी दुर्गा' के शीर्षक को लेकर केरल में विवाद खड़ा हो गया था। बाद में फिल्म का नाम बदलकर ‘एस दुर्गा' कर दिया गया था। पिछले साल, प्राइम वीडियो की राजनीतिक ड्रामा सीरीज ‘तांडव' भगवान शिव को एक कॉलेज के थिएटर कार्यक्रम में दिखाने वाले दृश्य को लेकर विवादों में घिर गई थी। अंत में इस दृश्य को हटा दिया गया था और प्राइम वीडियो ने बिना शर्त माफी मांग ली थी। भारतीय दर्शकों के बीच ‘काली' का प्रदर्शन अभी बाकी है।  

Tanuja

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