7 साल के लंबे इंतज़ार के बाद हुई न्याय की जीत, अब देश में कठोर सिस्टम बनाना है: स्वाति मालिवाल

Friday, Mar 20, 2020 - 07:29 AM (IST)

नेशनल डेस्कः निर्भया के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को आज सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। फांसी दिए जाने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि न्याय की जीत हुई। स्वाति मालिवाल ने ट्वीट कर कहा कि "7 साल के लंबे इंतेज़ार के बाद आज न्याय की जीत हुई। निर्भया की माँ ने न्याय के लिए दर दर की ठोकर खाई। सारा देश सड़कों पर उतरा, अनशन किया, लाठी खाई। ये सारे देश की जीत है। अब हमें देश में एक कठोर सिस्टम बनाना है। विश्वास है बदलाव आएगा, ज़रूर आएगा। सत्यमेव जयते!"

निर्भया की मां बोली- मां का धर्म पूरा हुआ
दोषियों के फांसी के फंदे पर लटकाए जाने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज उन्हें इंसाफ मिला है, लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी। आशा देवी ने कहा कि हमारा सात साल का जो संघर्ष है, वो आज काम आया है। पहली बार देश में चार लोगों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया है, हमें देर से ही सही लेकिन इंसाफ जरूर मिला है। इसके लिए देश की सरकार, राष्ट्रपति और अदालतों को धन्यवाद। हमारी बेटी के साथ जो हुआ उससे पूरा देश शर्मसार हुआ था, लेकिन अब जब इन दोषियों को फांसी दी गई है, तो दूसरी बेटियों को भी इंसाफ मिलने की उम्मीद जागी है।

इस फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी ने खुशी जताई और कहा कि सात साल का संघर्ष आज पूरा हो रहा है। निर्भया की मां ने कहा है कि वह 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगे। फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि 7 साल के बाद आखिर हमें इंसाफ मिला है, देश के लोगों ने निर्भया के लिए लड़ाई लड़ी है। आशा देवी बोलीं कि 20 मार्च का दिन निर्भया के नाम, देश की बेटियों के नाम पर याद रखा जाएगा।

लगातार हो रही देरी पर उन्होंने कहा कि देर आए दुरस्त आए। हम पिछले सात साल में निर्भया से अलग नहीं हुए है, हर पल हमने उसके दुख को महसूस किया। उन्होंने कहा कि निर्भया का दुख ही हमारा संघर्ष बना और इंसाफ के लिए हमने लड़ाई लड़ी। आशा देवी ने कहा कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के तौर पर मनाएंगे और महिला सुरक्षा के रूप में मनाएंगे।

निर्भया की वकील ने कहा कि आज हमें इंसाफ मिला है, जिस तरह से दोषियों ने निर्भया के साथ बर्बरता की थी उन्हें फांसी दी जानी जरूरी थी। वकील ने कहा कि देश के सिस्टम में बदलाव होने की जरूरत है, क्योंकि न्याय के लिए अगर सात साल तक इंतजार करना पड़ेगा तो दुख होता है। गौरतलब है कि गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 
 

Yaspal

Advertising