भीमा कोरेगांव मामला: गौतम नवलखा की याचिका की सुनवाई से अलग हुए जस्टिस गोगोई

Monday, Sep 30, 2019 - 02:29 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भीमा कोरेगांव मामले में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने सम्बन्धी याचिका की सुनवाई से सोमवार को खुद को अलग कर लिया। संबंधित याचिका जैसे ही न्यायमूर्ति गोगोई, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और एस अब्दुल नज़ीर की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई, मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई से खुद को अलग करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि संबंधित याचिका को किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया किया जाए जिसमें वह शामिल नही हों। बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करने संबंधी नवलखा की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

 

हाईकोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा और माओवादियों के साथ कथित जुड़ाव के लिए नागरिक अधिकार कार्यकर्त्ता गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए पिछले दिनों कहा था कि मामले में प्रथम दृष्टया तथ्य दिखता है। न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने कहा था कि मामले की व्यापकता को देखते हुए उसे लगता है कि पूरी छानबीन जरूरी है। पीठ ने कहा था कि यह बिना आधार और सबूत वाला मामला नहीं है। पीठ ने नवलखा की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी थी जिन्होंने जनवरी 2018 में पुणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग की थी। एल्गार परिषद द्वारा 31 दिसंबर 2017 को पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में कार्यक्रम के एक दिन बाद कथित रूप से हिंसा भड़क गई थी।

Seema Sharma

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