10 अप्रैल को वक्री होंगे बृहस्पति, जानें क्या प्रभाव डालेगा गुरु-शनि और केतु का योग

Saturday, Mar 30, 2019 - 10:58 AM (IST)

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जालन्धर (नरेश कुमार) : देवगुरु बृहस्पति शनिवार सुबह 3.09 बजे वृश्चिक राशि से धनु राशि में गोचर करना शुरू करेंगे। इसी गोचर के दौरान गुरु 10 अप्रैल को वक्री होंगे और इसी स्थिति में ही 22 अप्रैल को शाम 5.53 बजे गुरु एक बार फिर वृश्चिक राशि में आ जाएंगे। गुरु इसके बाद 11 अगस्त तक वक्री स्थिति में ही रहेंगे और 11 अगस्त को मार्गी होकर 5 नवम्बर तक धनु राशि में गोचर करेंगे। धनु राशि में पहले से ही शनि व केतु का गोचर चल रहा है लिहाजा धनु राशि में 3 ग्रहों का गोचर आने वाले दिनों में सब जातकों की जिंदगी पर प्रभाव डालेगा।

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मेष : इस राशि में भाग्य स्थान से गुरु का गोचर लाभकारी है। यह राशि परिवर्तन आपके लिए धार्मिक यात्राओं के मौके बनाएगा। घर में मंगलीक कार्य सम्पन्न हो सकते हैं। अध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ेगी।

वृष : 8वें भाव से गुरु का गोचर स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं है। कार्यस्थल पर परेशानियां पैदा हो सकती हैं। आपके बने हुए काम लटकने के आसार हैं। गाड़ी धीमे चलाएं, दुर्घटना के भी योग बन रहे हैं।

मिथुन : 7वें भाव से गुरु का गोचर नए काम के लिए शुभ माना गया है लेकिन यहां पहले से पड़ा राहू परेशानियां भी खड़ी कर सकता है। हालांकि गुरु के 7वें भाव में गोचर से जीवनसाथी का स्वास्थ्य सुधरेगा। जिन युवक-युवतियों को शादी का इंतजार है उनकी कामना पूरी हो सकती है।

कर्क : छठे भाव में गुरु के गोचर के चलते दुश्मन परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। ऋण लेते समय सावधानी से काम लें क्योंकि इस दौर में लिया गया ऋण चुकाना मुश्किल होगा। अदालती मामलों में भी फैसले आपके विरुद्ध जा सकते हैं। 

सिंह : 5वें भाव से गुरु का गोचर उन विवाहित जोड़ों के लिए शुभ है जिन्हें संतान का इंतजार है। उनकी यह इच्छा पूरी होगी। विद्यार्थियों के लिए शिक्षा व परीक्षा के लिहाज से यह गोचर काफी शुभ है। व्यापारियों को कारोबार में अचानक लाभ मिल सकता है।

कन्या : 4थे भाव में गुरु के गोचर से मानसिक परेशानी रह सकती है। अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर रहें। हालांकि 10वें भाव पर गुरु की दृष्टि से कारोबारी व नौकरीपेशा लोगों को बेहतरीन नतीजे मिलेंगे।

तुला : 3रे भाव में गुरु का गोचर होने से मिश्रित फल मिलेगा। 9वें भाव पर गुरु की दृष्टि भाग्य जगाने वाली होती है। 11वें भाव पर गुरु की दृष्टि से आय बढ़ेगी। हालांकि भाई-बहनों को शारीरिक कष्ट भी हो सकता है।

वृश्चिक : गुरु का गोचर धन लाभ के योग बनाएगा। मान-सम्मान व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। अदालती मामलों में लाभ होगा।

धनु : इस राशि के जातकों के लिए समस्याओं का निदान होगा। हालांकि शनि व केतु की पहले से चल रही युति के बीच गुरु के कारण अज्ञात भय बना रहेगा। हालांकि 5वें, 7वें और 9वें भाव पर गुरु की दृष्टि से निवेश में फायदा मिलेगा और धन लाभ के योग हैं।

मकर : 12वें भाव का गुरु धार्मिक और विदेश यात्रा के मौके पैदा करेगा। हालांकि इस दौरान खर्च बढ़ेंगे। दुश्मनों पर विजय हासिल होगी। बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। मां की सेहत में सुधार के योग हैं। नया वाहन खरीद सकते हैं। 

कुम्भ : 11वें भाव का गुरु आपके लिए शुभ है। मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। इस गोचर के कारण तरक्की के नए अवसर पैदा होंगे। मान-सम्मान व प्रतिष्ठा बढ़ेगी। धन लाभ के योग हैं, अविवाहितों के लिए शादी का इंतजार खत्म होगा।

मीन : 10वें भाव से गुरु का गोचर पिता की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। पिता के साथ मतभेद भी हो सकते हैं। हालांकि मां के साथ रिश्तों के लिहाज से यह गोचर शुभ है। कार्य क्षेत्र में नौकरीपेशा लोगों को परेशानी हो सकती है। बॉस के साथ समझदारी से डील करें।

गुरु का किसी राशि में एक महीने के लिए गोचर 10 साल बाद हो रहा है। इससे पहले 2010 में गुरु ने एक महीने के लिए राशि परिवर्तित की थी। गुरु के साथ शनि और केतु के आ जाने के कारण गुरु खुद पीड़ित हो गया है लिहाजा धनु राशि के जातकों को खासतौर गुरु का उपाय करना चाहिए क्योंकि धनु राशि गुरु की अपनी राशि है और राशि का मालिक पीड़ित स्थिति में अशुभ माना जाता है। कोई भी उपाय करने से पहले अपने ज्योतिषी की सलाह जरूर लें। —बहादुर सिंह देवगन, फ्यूचर फोरकास्ट जालन्धर कैंट

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Niyati Bhandari

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