लंबित मामलों से निपटने के लिए न्यायपालिका की एकसमान नीति होनी चाहिए : जस्टिस गोगोई

Saturday, Jul 28, 2018 - 11:29 PM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने शनिवार को कहा कि भारतीय न्यायपालिका की लंबित मामलों के बारे में एकसमान नीति होनी चाहिए और उन्होंने निचली अदालतों में न्यायाधीशों की कमी के चलते तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति की पैरवी की। दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि फिलहाल देशभर में जिला न्यायालयों में 5984 न्यायिक रिक्तियां हैं।

उन्होंने कहा, ‘मुश्किल (न्यायाधीशों के) छोटे कार्यकाल को लेकर नहीं है। मुश्किल इस बात में है कि मुख्य न्यायाधीश के बदलने से प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। भारतीय न्यायपालिका की लंबित मामलों के सिलसिले में एकसमान नीति होनी चाहिए।’ न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ‘अगर आपके पास नीति होगी और अगर आप उसे लागू करेंगे तब कार्यकाल कोई मसला नहीं रहेगा।’

वह उच्चतम न्यायालय द्वारा भारतीय विधि संस्थान के साथ मिलकर आयोजित ‘न्याय तंत्र में लंबित और विलंबित मामलों में कमी की राष्ट्रीय पहल’ पर दो दिवसीय सम्मेलन के समापन अवसर पर बोल रहे थे। मामलों के लंबित रहने , वैकल्पिक विवाद निस्तारण से जुड़े विषयों पर पर एक दिवसीय सत्र के बाद प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने कहा कि अदालतों में ढेर सारे मामलों को आधुनिक और प्रगतिशील पहल से निपटाया जा सकता है। 

shukdev

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