न्यायपालिका को न बनाये राजनीतिक का अखाडा: राजनाथ

punjabkesari.in Thursday, Apr 19, 2018 - 04:11 PM (IST)

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने न्यायाधीश लोया मामले में आज उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक गंभीर संदेश देता है कि न्यायपालिका को राजनीतिक लडाई का अखाडा नहीं बनाया जा सकता। न्यायालय के फैसले के बाद सिंह ने ट्वीट कर कहा कि इस फैसले का संदेश है कि राजनीतिक मंशा से आरोप लगाकर न्यायपालिका को भ्रमित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने इस फैसले से आगाह भी किया है कि जनहित याचिका के माध्यम से न्यायालय का दुरूपयोग नहीं किया जा सकता और अदालत को राजनीतिक लड़ाई का अखाडा नहीं बनाया जा सकता।  उन्होंने ट्वीट किया, आज देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोया की मृत्यु को लेकर दायर की गई जनहित याचिका को न केवल पूरी तरह से खारिज किया है बल्कि इस याचिका की मंशा पर भी सवाल उठाया है। साथ ही राजनीतिक लड़ाई में न्यायालय का दुरूपयोग करने से भी आगाह किया है।

गृह मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सिर्फ स्वागत योग्य ही नहीं है बल्कि एक गंभीर संदेश भी देता है कि राजनीतिक विद्वेष से आरोप लगाकर न्यायापालिका को भ्रमित नहीं किया जा सकता।  उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झूठे आरोपों के आधार पर भाजपा , सरकार और दल के शीर्ष नेताओं को बदनाम करने की कोशिश बराबर की जाती रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास एक बार फिर विफल हो गया है और यह स्पष्ट है कि न्यायपालिका को राजनीतिक अखाडा नहीं बनाया जा सकता।  

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने आज अपने आदेश में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के न्यायाधीश बी एच लोया मौत मामले की स्वतंत्र जांच कराने संबंधी सभी याचिकाएं खारिज कर दी। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की आड़ में न्यायपालिका की छवि को भी तार-तार करने का प्रयास किया गया है। न्यायालय ने कहा कि कारोबारी और राजनीतिक लड़ाई जनहित याचिकाओं के जरिये नहीं लड़ी जा सकती और संबंधित याचिकाओं में‘मेरिट’का अभाव नजर आता है। 


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Anil dev

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