ऑफ द रिकॉर्ड: जुएल ओरम व एस.एस. अहलूवालिया लोकसभा अध्यक्ष के प्रबल दावेदार

Friday, Jun 07, 2019 - 05:34 AM (IST)

नेशनल डेस्क: ओडिशा के जूएल ओरम व पश्चिम बंगाल के एस.एस. आहलूवालिया 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि इस दौड़ में 8 बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली मेनका गांधी भी हैं लेकिन उनके अप्रत्याशित व अनापेक्षित वक्तव्यों के चलते उनका दावा कमजोर लग रहा है। इस बार मेनका को मंत्री नहीं बनाया गया। उसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें इस बार लोकसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है। मौजूदा वक्त उनके व उनके बेटे के लिए अच्छा नहीं चल रहा है। 

भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता बिहार के राधामोहन सिंह भी इस दौड़ में हैं। इस बार उन्हें भी मोदी ने मंत्री नहीं बनाया है। पिछली बार उनके मंत्रालय का रिकार्ड काफी निराशाजनक रहा है इसलिए उनकी दावेदारी भी कमजोर लग रही है। बी.जे.डी. नेता भर्तृहरि मेहताब को लोकसभा का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है। 

हालांकि इस पद के लिए शिवसेना ने भी अपनी दावेदारी पेश की है लेकिन मोदी इस पद को इस चुनाव में 22 सीटें जीतने वाले जगन रैड्डी की वाई.एस.आर. कांग्रेस को देना चाहते हैं। इससे पी.एम. चंद्रबाबू नायडू को भी सबक सिखाना चाहते हैं। जहां तक वरिष्ठता का सवाल है तो एस.एस. आहलूवालिया और जूएल ओरम दोनों बराबर हैं। दोनों ही मोदी सरकार में मंत्री भी रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ 2021 में पश्चिम बंगाल में व 2024 में ओडिशा में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

जूएल ओरम एक बड़े आदिवासी नेता हैं और इस बार उनका मंत्री न बनना थोड़ा हैरानीजनक है। एन.डी.ए. शासन के दौरान पी.एस. संगमा अंतिम आदिवासी नेता थे जो लोकसभा अध्यक्ष रहे। वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 19 जून को होगा और उस दिन किसके सिर ताज सजेगा, यह कहना अभी अंधेरे में तीर मारने जैसा है। 

Pardeep

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