बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ेगा क्या असर ? नीति पत्र  आया सामने

Sunday, Nov 08, 2020 - 12:51 PM (IST)

वॉशिंगटनः अमेरिका में चुनाव नतीजों के आंकड़े सामने आने के बाद अमेरिका जनता ने जो बाइडन को सत्ता सौंपने का फैसला सुना दिया है । भारत समेत दुनिया के प्रमुख नेताओं ने बाइडेन को जीत की बधाई दी है । लेकिन बाइडेन के इन और ट्रंप के आऊट होने से भारत के साथ संबंधों पर क्या असर पड़ेगा, इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। बाइडेन भारत के प्रति क्या रवैया अपनाते हैं, उनके राष्ट्रपति बनने के बाद भी भारत-अमेरिका के बीच दोस्ती का सिलसिला जारी रहेगा या नहीं, क्योंकि दोनों देशों के रिश्ते उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां से पीछे मुड़कर नहीं देखा जा सकता।  

 

अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन के पास अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने के उनके 14 साल पुराने ख्वाब को पूरा करने का एक मौका है। इसे पुराना ख्वाब इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि बाइडेन ने दिसंबर 2006 में एक समाचार पत्र से बातचीत में कहा था, ‘‘ मेरा ख्वाब है कि 2020 में दुनिया के दो सबसे करीबी मुल्क भारत और अमेरिका हों। अगर ऐसा होता है तो दुनिया पहले से अधिक सुरक्षित होगी।'' 

खास बात यह है कि डेमोक्रेट उतने अमेरिका केंद्रित नहीं हैं, जिसका भारत को लाभ मिलना चाहिए, लेकिन यह देखना होगा कि बाइडन भारत की मूल समस्याओं को हल करने में दिलचस्पी दिखाते हैं या नहीं? इनमें एक समस्या पाकिस्तान के भारत विरोधी रवैये को लेकर है और दूसरी चीन के आक्रामक रुख को लेकर। एक के बाद एक अमेरिकी राष्ट्रपति यह तो मानते रहे कि पाकिस्तान भारत में आतंक फैलाता है, पर वे इस आशय के बयान देने तक ही अधिक सीमित रहे। उन्होंने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी अड्डों की ओर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। अमेरिका तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को पोषित करने वाले पाकिस्तान की मदद करता रहा। इसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ा। पाकिस्तान आतंक से लड़ने के नाम पर अमेरिका से मदद लेता रहा और आतंकियों को पालता रहा।

ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद तो रोक दी, मगर तालिबान से समझौता कर लिया। ट्रंप ने अनेक देशों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया। हाल के दिनों में उन्होंने चीन के प्रति खासी आक्रामकता दिखाई। उन्होंने चीन के साथ व्यापार घाटा रोकने के लिए कई कदम अवश्य उठाए, लेकिन उनसे चीन पर बहुत असर नहीं पड़ा। चूंकि ट्रंप यह आरोप लगाते रहे हैं कि बाइडन चीन के प्रति नरमी रखते हैं, इसलिए देखना यह है कि बतौर राष्ट्रपति वह चीन की ओर से पेश की जा रही चुनौती से किस तरह निपटते हैं? वैसे इस पर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन, दोनों सहमत हैं कि चीन विश्व व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहा है। अमेरिका चीन के मामले में जो नीति अपनाएगा, उसका असर भारत पर भी पड़ेगा। नि:संदेह भारत के प्रति चीन के आक्रामक रवैये की ट्रंप प्रशासन ने निंदा तो की, लेकिन उससे जैसी मदद की दरकार थी, वह नहीं दिखी।

बाइडेन प्रशासन भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को लेकर जारी नीति पत्र  

  • बाइडेन प्रचार अभियान द्वारा जारी एक नीति पत्र में यही बात दोहराई गई है और बताया गया है कि वह इसे कैसे अमल में लाएगें।
  • इस सूची में शीर्ष पर है भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए प्रयास करना, आतंकवाद पर सहयोग जारी रखना, जलवायु परिवर्तन और द्विपक्षीय व्यापार में कई गुना वृद्धि की दिशा में काम करते हुए संबंधों को मजबूत बनाना है।
  • नीति पत्र में कहा गया है कि बाइडेन ने सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष के रूप में और बराक ओबामा प्रशासन में उप राष्ट्रपति के रूप में सामारिक सहयोग को प्रगाढ़ करने में, लोगों के बीच संबंधों को गहरा करने और वैश्विक चुनौतियों पर भारत के साथ सहयोग बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
  • नीति पत्र में कहा गया,‘‘ कोई भी साझा वैश्विक चुनौती भारत और अमेरिका के जिम्मेदार सहयोगियों की तरह काम किए बगैर दूर नहीं की जा सकती। साथ मिलकर हम आतंकवाद-रोधी साझेदार के रूप में भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करते रहेंगे, स्वास्थ्य तंत्र और महामारी के लिए तैयारी में सुधार करेंगे, और उच्च शिक्षा, अंतरिक्ष खोज और मानवीय राहत जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करेंगे।''
  • नाति पत्र में कहा गया कि ओबामा-बाइडेन प्रशासन ने रणनीतिक, रक्षा, आर्थिक, क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों पर भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को गहरा करना जारी रखा और अमेरिका-भारत साझेदारी को बढ़ाने में बाइडेन की भूमिका अहम थी।
  • राष्ट्रपति चुनाव की आधिकारिक बहस के दौरान जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर ट्रंप ने भारत को ‘गंदा' बताया था, जिसके बाद बाइडेन ने उनकी आलोचना की थी।
  • बाइडेन ने ट्वीट किया था,‘‘ राष्ट्रपति ट्रंप भारत को गंदा बता रहे हैं। दोस्तों के बारे में ऐसे नहीं बोलते हैं और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से आप इस तरह से नहीं निपट सकते।''
  • दो दिन पहले बाइडेन ने ट्वीट किया,‘‘ हम भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को महत्व देना जारी रखेंगे। ट्रंप के लिए फोटो खिंचवाने का मौका है, मगर मेरे लिए ये काम पूरा करने के लिए है।''

Tanuja

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