सिंचार्इ रहित जमीनों में एलोवेरा की खेती करनी चाहिए: रामदेव

Saturday, Nov 12, 2016 - 04:24 PM (IST)

जयपुर (जुगिंद्र संधू): सिंचाई के साधनों की कमी वाले क्षेत्रों में और खास तौर पर सिंचार्इ रहित जमीनों में किसानों को एलोवेरा की खेती करनी चाहिए। इसके साथ ही आंवला, ग्लोह, तुलसी, जीरा, अश्वगंधा आदि जैसी फसलों की बिजाई सिंचार्इ रहित जमीनों में बहुत लाभप्रद हो सकती है। उक्त शब्द योग गुरु स्वामी रामदेव ने ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट के एक विशेष सैशन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। 
 

रामदेव ने कहा कि किसान जितनी भी ऐसी चीजें पैदा करेंगे, पतंजली इन्हें खरीदने के लिए वचनबद्ध है। इन चीजों की बिजाई के साथ किसानों को कम से कम 1 लाख से डेढ़ लाख रुपए तक की प्रति एकड़ आमदन हो सकती है। स्वामी रामदेव ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अपील की कि वह इस क्षेत्र में किसानों की मदद करें तो ही खेती को लाभप्रद धंधा बनाया जा सकता है। यदि किसान खुशहाल होगा तो ही हमारा देश खुशहाल बन सकता है क्योंकि खुशहाली का रास्ता खेतों में से निकल कर आता है।

दालों की बिजाई बढ़ार्इ जाए
बाबा रामदेव ने कहा कि जोधपुर क्षेत्र को मूंगी की दाल का गढ़ माना जाता है, इसके साथ ही राजस्थान के बाजारों का कोई जवाब नहीं। किसानों को दालों की बिजाई अधिक से अधिक करनी चाहिए। यह दालें पूरे देश में पहुंचाने का काम पतंजली की तरफ से किया जाएगा। दालों की बिजाई जितनी अधिक होगी इसके साथ किसानों को उतनालाभ भी होगा और आम आदमी की पहुंच इन तक आसानी से हो सकेगी। 
 

गाय माता को अपनाओ
रामदेव ने कहा कि देश की कृषि में गाय माता को अधिक से अधिक अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान दूध के लिए गाय पाल सकते हैं और साथ ही गाय पेशाब और गाय के गोबर का प्रयोग फसलों के  उत्पदान लेने के लिए किया जा सकता है।  रसायनिक खाद और कीड़े मार दवार्इ को फसलों से दूर रखा जाना चाहिए। यह जहर मनुष्य के लिए हानिकारक है। उन्होंने यह भी कहा कि किसान गाय के दूध का जितना और अधिक उत्पादन करेंगे वह सारा दूध पतंजली भैंस के दूध से भी महंगे मूल्य पर ख़रीदेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्वामी रामदेव को आश्वासन दिया कि वह उनकी योजनाओं को राजस्थान में लागू करने के लिए अधिक से अधिक सहयोग देंगे। इसके साथ ही रामदेव ने वहां मौजूद किसानों को योग करने की भी सलाह दी।

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