वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ा रही Jharkhand की आदिवासी बेटी रितिका टिर्की, लोग कर रहे जमकर तारीफ

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2024 - 05:08 PM (IST)

नई दिल्लीः रितिका तिर्की, एक महिला लोको पायलट हैं, जो भारतीय रेलवे के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चलाती हैं। रितिका टाटानगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में काम करती हैं। यह ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 सितंबर को 6 नई वंदे भारत ट्रेनों का उद्घाटन किया था। ऋतिका तिर्की को वंदे भारत जैसी अत्याधुनिक ट्रेन चलाने का मौका मिला है। वह इस बात पर गर्व महसूस करती हैं कि उन्हें भारतीय रेल में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनने का अवसर मिला हैं।

टाटानगर-पटना वंदे भारत ट्रेन को चलाने वाली सहायक महिला लोको पायलट ऋतिका का कहना है कि स्वदेश में निर्मित इस अत्याधुनिक ट्रेन को चलाने का अवसर मिलना बहुत ही सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वे इस वंदे भारत ट्रेन को चलाकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। देखा जाए तो एक तरह से वंदे भारत ट्रेन देश में एवं भारतीय रेल में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरी हैं।


धनबाद डिवीजन में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में शुरू की नौकरी 
झारखंड की रहने वाली ऋतिका का कहना है कि वह एक साधारण परिवार से आती हैं। परिवार में कुल चार भाई-बहन हैं। उनकी स्कूली शिक्षा रांची से हुई है और 12वीं के बाद उन्होंने बीआईटी मेसरा, रांची से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। उसके बाद वर्ष 2019 में उन्होंने भारतीय रेल के धनबाद डिवीजन में असिस्टेंट लोको पायलट के रूप में नौकरी शुरू की। रेलवे में उनकी पहली पोस्टिंग चंद्रपुर, बोकारो में हुई थी। वर्ष 2021 में ऋतिका का ट्रांसफर टाटानगर हो गया और 2024 में उन्हें सीनियर असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर प्रोन्नत किया गया।

अब डर नहीं लगता
उन्होंने बताया कि अब उन्हें ट्रेन चलाने में बहुत मजा आता है। रितिका पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी दोनों चलाती हैं। ट्रेन चलाते समय अलग-अलग शहरों में जाना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। रितिका ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन में कई आधुनिक सुविधाएं हैं। यह ट्रेन बाकी ट्रेनों से बहुत अलग है। इस ट्रेन के हर कोच में सीसीटीवी कैमरा और फायर अलार्म लगा हुआ है। साथ ही यात्रियों से बात करने के लिए पायलट के पास आपातकालीन टॉक-बैक की सुविधा भी है। रितिका के मुताबिक वंदे भारत के केबिन में जो भी सिस्टम लगा हुआ है, वो पूरी तरह से ऑटोमैटिक है। इसमें सिग्नल देने के लिए झंडी की जरूरत नहीं पड़ती है, बल्कि लाल और हरे बटन को दबाकर सिग्नल दिया जा सकता है।

रेलवे से मिल रही विशेष सुविधा 
रेलवे में सहायक लोको पायलट के रूप में ऋतिका अपनी जिम्मेदारियों से बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेन चलाने से दो घंटे पहले कॉल बुक दिया जाता है और ड्यूटी पूरी होने के बाद 16 घंटे का आराम दिया जाता है। उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ रेलवे में लोको पायलट की मिलने वाली सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं। रेलवे ने महिला लोको पायलट के लिए अलग से रनिंग रूम की व्यवस्था की जाती है और वरिष्ठ अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिलता है। 


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Content Writer

Yaspal

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