जेसिका लाल हत्याकांड: जेल से रिहा होने के बाद बोला दोषी मनु शर्मा, एक मिनट में बदल सकती है जिंदगी

Friday, Jun 05, 2020 - 02:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जेसिका लाल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी मनु शर्मा को वक्‍त से पहले जेल रिहा कर दिया गया है। दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल द्वारा समय से पहले जेल से रिहा करने की मंजूरी मिलने के बाद जेसिका लाल मर्डर के दोषी मनु शर्मा को सोमवार को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। जेल से रिहा होने के बाद मनु ने कहा कि 21 साल पहले जो हुआ उसका उसे आज भी अफसोस होता है। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए मनु ने कहा कि 17 साल सलाखों के पीछे रहने पर उसे जिंदगी के बहुत कड़े और बड़े सबक मिले हैं। मनु ने कहा कि इन सभी सबक ने मुझे सुधरने में काफी मदद की है। मनु ने कहा कि एक मिनट में जीवन बदल सकता है, जिदंगी में किसी भी चीज को हल्के में न लें। 

इसलिए समय से पहले रिहाई
मनु शर्मा को जेसिका लाल की हत्या के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिसंबर 2006 में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने उसे हत्या के आरोप से बरी कर दिया था लेकिन हाईकोर्ट ने उसके आदेश को पलट दिया, जिसे अप्रैल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। मनु के वकील अमित साहनी ने कहा, ' मनु शर्मा अप्रैल के पहले हफ्ते से ही पेरोल पर था। वकील साहनी ने कहा कि जेल में रहने की अवधि के दौरान मनु का आचरण अच्छा रहा जिसके कारण उसे समय से पहले ही रिहा कर दिया गया। महानिदेशक (जेल) संदीप गोयल ने कहा कि मनु शर्मा ने 17 साल जेल में बिताए। जबकि छूट के साथ उसकी वास्तविक अवधि 23 साल और चार महीने है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्यैंद्र जैन की अध्यक्षता में 11 मई को हुई एसआरबी की बैठक में यह सिफारिश की गई थी। जिसके बाद उपराज्यपाल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा की रिहाई को मंजूरी दे दी।

वो रात आज भी याद
मनु ने कहा कि उसे 29-30 अप्रैल 1999 की रात आज भी याद है, जब जेसिका लाल के ड्रिंक सर्व करने से इनकार करने पर मनु ने उसे गोली मार दी थी। मनु ने कहा कि जो हुआ, उसे बदलने के लिए मैं कुछ भी करूंगा। काश मैं कर सकता। जो उस समय हुआ, उसका बेहद दुख है, इतना कि शब्‍दों में बयान नहीं कर सकता। 

जेल में बहुत कुछ सीखा
मनु शर्मा ने कहा कि इतने साल अकेले रहकर जेल में कड़े सबक मिले हैं और सुधरने में मदद मिली। घर और लग्‍जरी से अलग, जेल की जिंदगी मुश्किल थी मगर 'धीरे-धीरे आप उसके आदी हो जाते हैं। उसने कहा कि जेल में जो भी काम उसे दिया जाता, उसकी पूरी कोशिश होती कि वो इसे पूरा करे। शुरुआत में जेल में उसे डर लगता था कि कहीं बाकी कैदी हमला न कर दें। जब आप बैरक में सोते हो तो लगातार अलर्ट रहना होता है, रात में भी क्‍योंकि उनके लिए हमला करने का वही सही वक्‍त होता है। हालांकि साल बीतने पर वह जेल की जिंदगी का आदी हो गया। वहीं जेल में सजा काटते हुए मुन ने  ह्यूमन राइट्स में अपनी डिग्री पूरी की और कानून की पढ़ाई भी। मुन ने कहा उसका पहला काम बगीचे को देखना था जिसमें उसे बेहद शांति मिलती थी। फिर तिहाड़ जेल फैक्‍ट्री में काम दिया गया। वहां 10 साल गुजारे। मनु ने बताया कि वह ज्यादा से ज्यादा समय पढ़ाई में लगाता था।

Seema Sharma

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