शहीद कैप्टन कुंडू की मां बोलीं, इस बार भी मुझे सरप्राइज दिया!

Tuesday, Feb 06, 2018 - 11:09 AM (IST)

जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए 22 वर्षीय कैप्टन कपिल कुंडू अपना 23वां जन्मदिन मनाने के लिए घर आने वाले थे। देश के लिए शहीद होने वाले कैप्टन कुंडू आने वाली 10 फरवरी को 23 साल के हो जाते। गुडग़ांव जिले में पटौदी के निकट रंसिका गांव में कैप्टन के घर वाले उनके छुट्टियों पर आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें अपने बच्चे के शहीद होने की खबर मिली। अपने बच्चे के मरने की खबर सुनकर मां सुनीता बेजार हो गईं। हालांकि, वह दुख के सागर में डूबी हुई हैं, फिर भी आंसू पीते हुए उन्होंने कहा ‘मेरे बेटे को एडवैंंचर से भरा जीवन पसंद था।’ कैप्टन की मौत से पूरे गांव में सन्नाटा सा पसर गया है। पाकिस्तान की ओर से रविवार को राजौरी में नियंत्रण रेखा पर हुई भारी गोलाबारी में कुंडू के अलावा सेना के तीन अन्य जवान भी शहीद हुए हैं। कुंडू की मां ने कहा, ‘कपिल 10 फरवरी को अपने जन्मदिन पर घर आने वाला था। वह हमेशा मुझे सरप्राइज देता, अपने आने की खबर पहले सिर्फ बहनों को देता था। वह बहनों के साथ सबकुछ साझा करता था। सुनीता ने बताया कि कैप्टन कुंडू पिछली बार नवंबर, 2017 में ही घर आए थे। कैप्टन के परिवार का कहना है कि वह अच्छी जिंदगी में यकीन रखने वाले व्यक्ति थे, लंबी जिंदगी में नहीं। उनकी मां का कहना है, ‘उसे एडवैंचर भरी जिंदगी पसंद थी, उसे प्रकृति से प्यार था। वह महान देशभक्त था। वह देश के लिए अपनी भावनाएं दर्शाने के लिए कविताएं लिखता था। वह हमेशा कहता था कि मेरा देश सबसे ऊपर है।’ अपने भाई के बारे में बात करते-करते कैप्टन कुंडू की बहन बार-बार रोईं।

गांव में मातम
कपिल कुंडू के शहीद होने के समाचार के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है। वहीं, गांव के लोगों को अपने बेटे की शहादत पर गर्व भी है। गांव के राजवीर सिंह के अनुसार कपिल कुंडू की शहादत ने पूरे देश को सम्मान दिया है। अब जरूरत है देश की तरफ गलत नजरें उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।

दो बहनों का इकलौता भाई
शहीद कै. कपिल कुंडू अपनी दो बहनों का इकलौता भाई था वह अपने परिवार का सबसे लाडला और छोटा बेटा था बहनों से छोटा होने के कारण वह उनका बेहद चहेता और प्यारा था। बहने अपने भाई की हर खुशी का ध्यान रखती थीं वैसे ही शहीद भी अपनी बहनों पर सर्वस्व लुटाने के लिए तैयार रहता था। 

पिता की हो चुकी है मौत
शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के पिता की मौत 6 साल पहले बीमारी के कारण हो चुकी है। वह अपनी विधवा मां का अकेला सहारा था। पिता एक निजी कंपनी में कर्मचारी तथा गांव में खेती बाड़ी भी करते थे। उनके पिता की मौत के बाद पूरे परिवार की जिम्मेवारी वह बखूबी निभा रहे थे। इसमें चाहे बहनों से तालमेल की बात हो या फिर मां को सहारा देने की अपनी जिम्मेदारी।

26 जनवरी को बने कैप्टन
26 जनवरी 2018 को शहीद कैप्टन कपिल कुंडू को लैफ्टिनेंट पद से प्रमोशन देकर कैप्टन बनाया गया था। वह दिसंबर 2016 में लैफ्टिनेंट बने थे तथा एनडीए में 129वें रैंक पर सिलेक्शन हुआ था। शहीद कैप्टन कपिल कुंडू 2013 में एनडीए की परीक्षा पास कर सेना में भर्ती हुए थे। इसके बाद बीते वर्ष 2017 में वह पास आउट होकर सेना में भर्ती हो गए थे। उनकी तैनाती सेना की 15 जेकेएलआर्ई यूनिट जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में की गई थी।

पढ़ाई में थे अव्वल
कपिल कुंडू पढ़ाई में शुरू से ही आव्वल रहे। उनकी पढ़ाई समवर्ती गांव शेरपुर के डिवाइन डेल इंटरनैशनल स्कूल से हुई थी। 12वीं कक्षा की पढ़ाई के साथ उन्होंने साल 2012 में एनडीए की परीक्षा दी तथा परीक्षा में उन्होंने उत्तीर्ण कर ली, जहां से वे इंडियन अर्मी के लिए चुने गए थे। स्कूल की प्रिंसिपल पूर्णा थोलिया व प्रबंधक सूरजभान ठोलिया का कहना है कि शहीद कैप्टन कपिल कुंडू उनके स्कूल के अभिमान थे, वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सदैव आगे रहे।

बेटे की शादी का सपना रह गया अधूरा
कपिल कुंडू के पास आउट होने तथा सेना में कैप्टन लगने के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। इस दौरान परिजन उसकी शादी के सपने संजो रहे थे। इसके लिए उन्होंने कई बार कैप्टन  कपिल कुंडू को कहा भी लेकिन सेना के जज्बे और देशप्रेम की भावना के चलते उन्होंने कहा कि वह अभी कुछ दिन देश सेवा करना चाहते हैं तथा शादी के लिए अभी वह पूर्ण रूप से तैयार नहीं हैं। इसके बावजूद भी उनके रिश्ते के लिए लगातार लोगों का घर आना-जाना लगा रहता था।
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