कश्मीर की अंतिम हिंदू रानी पर जल्द बनेगी बायोपिक, पिता के हत्यारे से रचाई थी शादी

Wednesday, Aug 28, 2019 - 06:02 PM (IST)

देहरादून: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 व 35ए के हटने के बाद यह भारत समेत पूरे विश्व में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कश्मीर मुद्दे को लेकर बॉलीवुड में भी काफी रूची है।

कोटा रानी की कहानी
आपको बता दें कि कोटा रानी की कहानी की शुरूआत कश्मीर के शासक सहदेव की कहानी के साथ हुई थी। सन 1301 में कश्मीर में सहदेव नामक शासक गद्दी पर बैठा। सहदेव के शासन में उसके दो सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी थे, जिनमें से एक था लद्दाख का विद्रोही राजकुमार रिन्चिन और दूसरा था स्वात घाटी से आया हुआ शाहमीर और उसका सेनापति था राम चंद्र।

रामचंद्र की बेटी थी कोटा की रानी
कोटा रानी इसी रामचंद्र की बेटी थी। बता दें कि रिन्चिन बौद्ध था, तो वहीं शाहमीर एक मुसलमान था। इतिहासकारों के अनुसार सन 1319 में तातार सेनापति डुलचू ने अपने 70,000 सैनिकों के साथ सहदेव पर आक्रमण कर दिया। डुलचू की इस बड़ी सेना के घबराकर राजा सहदेव अपने भाई उदयन देव के साथ किश्तवाड़ भाग गया था।

राजा सहदेव के किश्तवाड़ भागने के बावजूद रामचंद्र, रिन्चन और शाहमीर ने मिलकर डुलचू का मुकाबला किया। डुलचू ने घाटी में चारों तरफ कत्लेआम मचाया। जिस समय डुलचू वापस जा रहा था तभी तभी देवकर दर्रा पार करते हुए बर्फ के तूफान से उसकी और उसके साथ जा रहे सभी लोगों की मौत हो गई। कोटा रानीउसकी मौत के बाद किश्तवाड़ के गद्दियों ने कश्मीर पर आक्रमण किया, मगर रामचंद्र के द्वारा भेजी गई सेना ने उन्हें वापस खदेड़ दिया और राम चंद्र ने खुद को कश्मीर का राजा घोषित कर दिया।

कोटा रानी ने पिता के हत्यारे से रचाया ब्याह
वहीं दूसरी तरफ रिन्चिन ने धोखे से रामचंद्र का क़त्ल करा दिया और कश्मीर का शासक बन गया। उसने कोटा रानी से शादी भी की। इतिहासकारों की माने तो कोटा रानी ने स्वयं ही इस विवाह का प्रस्ताव अपने पिता के हत्यारे को दिया था। जिसके पीछे की वजह थी कि कोटा रानी कश्मीर में प्राचीन संस्कृति को जीवित रखना चाहती थी, और हर कीमत पर हिन्दू शासन चाहती थी।

रिन्चिन से शादी के बाद वह पूरी दूरदर्शिता के साथ कश्मीर पर शासन करने लगी। इतिहासकारों के अनुसार धीरे- धीरे कोटा रानी ने रिन्चिन को हिन्दू धर्म के प्रति भी आकर्षित कर लिया और उसे भारतीय धर्म और संस्कृति का इतना प्रेमी बना दिया कि रिन्चिन हिन्दू धर्म स्वीकार करने की भी योजनाएं बनाने लगा था, लेकिन जल्द ही सहदेव के भाई उदयन देव ने रिन्चिन पर आक्रमण कर दिया। इस हमले में रिन्चिन गंभीर रूप से घायल हो गया। जिस कारण सन 1326 में उसकी मृत्यु हो गई। अपने राज्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, और अपनी संस्कृति को बनाए रखने की ललक ने एक बार फिर कोटा रानी को फैसला लेने पर विवश किया और उसने उदयन देव को राज्य के साथ साथ स्वयं को भी समर्पित कर दिया, और पूरे प्रशासन को संभालने लगी।

शाहमीर से युद्ध में पराजित हुई रानी
इतिहासकारों की माने तो सन 1341 में उदयन देव की मृत्यु हो गई। कश्मीर पर एक बार फिर से खतरा मंडराने लगा। इस बार कोटा रानी के दो सबसे विश्वासपात्रों में से एक शाहमीर कश्मीर का शासक बनने के मनसूबे पालने लगा। शाहमी ने सबसे पहले कोटा रानी के विश्वासपात्र व भाई भिक्षण भट्ट की धोखे से हत्या कर दी। जिसके बाद उसने कोटा रानी को युद्ध में पराजित कर दिया।

कोटा रानी को शादी के लिए किया गया मजबूर
इतिहासकारों की माने तो शाहमीर ने कोटा रानी को उससे शादी करने के लिए मजबूर किया, लेकिन कोटा रानी शाहमीर से शादी करने की इच्छुक नहीं थी। एक दिन जब शाहमीर कोटा रानी की प्रतीक्षा कर रहा था, तो उसके सामने पूरे सिंगार में आई कोटा रानी ने अपने पेट में खंजर घोपकर आत्महत्या कर ली। इसलिए अब बॉलीवुड में अब कश्मीर पर शासन करने वाली आखिरी हिंदू रानी, कोटा रानी की जिंदगी पर फिल्म बनने जा रही है। कश्मीर पर शासन करने वाली कोटा रानी बेहद खूबसूरत होने के साथ-साथ एक कुशल शासक भी थी। 

जल्द ही बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी कहानी
जिनकी कहानी अब जल्द ही बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी। कोटा रानी के जीवन पर बनने वाली इस फिल्म का निर्माण रिलायंस एंटरटेनमेंट और मधु मंटेना मिलकर करेंगे। आइए आपको बताते हैं कि कौन थी कश्मीर की आखिरी हिंदू रानी जिनके जीवन पर जल्द फिल्म बनने जा रही है।

Anil dev

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