नाेटबंदी ने छीन ली बच्चे की जिंदगी, 30 किलोमीटर कंधे पर लादकर भी बेटे काे नहीं बचा पाया बाप

Thursday, Nov 24, 2016 - 11:43 AM (IST)

जम्मू : पीएम मोदी द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोट बंद किए जाने के फैसले की वजह से जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में एक बच्चे की माैत हाे गई। 28 साल के मोहम्मद हारून अपने 9 साल के बीमार बच्चे को कंधों पर लादकर 30 किलोमीटर तक पैदल चले लेकिन वे अस्पताल पहुंचते उससे पहले ही बच्चे ने दम तोड़ दिया । मृतक मुनीर दूसरी कक्षा में पढ़ता था।

 घटना की पुख्ता जानकारी के लिए नायब तहसीलदार कुलदीप राज और गोरां पुलिस पोस्ट के इंचार्ज नानक चंद मोहम्मद हारून के घर पहुंचे और उनका बयान दर्ज किया। मामले के जानकारी देते हुए हारून ने बताया कि मुनीर 14 नवंबर को बीमार पड़ा था। पहले दिन उसका घर में ही ईलाज किया गया था लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार न हाेने के कारण उसे मानसर में डाक्टर के पास ले जाने का फैसला किया।

उस वक्त उसके पास 29,000 रुपए के 500 और 1000 के पुराने नोट थे। वह पुराने नोटों को बदलने के लिए 8 किलोमीटर पैदल खून स्थित जम्मू-कश्मीर बैंक की ब्रांच में गया लेकिन उस दिन काफी लंबी कतार हाेने के कारण उसकी बारी नहीं अा पाई। वह दूसरे दिन भी नाेट बदलवाले गए लेकिन वहां से भी उसे खाली हाथ अाना पड़ा। 18 नवंबर को जब मुनीर की ज्यादा हालात खराब हो गई तो हारून अपनी पत्नी के साथ बेटे को कंधे पर लादकर अपने घर से 3 बजे चला था वे 9 किलोमीटर चलने के बाद 8 बजे के करीब सड़क तक पहुंचे।

हारून ने बताया कि उन्हाेंने रास्ते में वैन ड्राइवर से प्रार्थना की कि वे उन्हें मानसर पहुंचा दे ड्राइवर ने उनके पास पुराने नोट हाेने के कारण उन्हें ले जाने ते मना कर दिया। वे पैदल ही सुबह 5 बजे मुनीर काे एक डाक्टर के घर लेकर पहुंचे। डाक्टर ने जब मुनीर काे चैक किया तब तक मुनीर की मौत हो चुकी थी। हारून ने कहा कि मोदी ने हमें बर्बाद कर दिया। अगर हमारे पास नए नोट होते तो हम हमारे बच्चे को समय पर डॉक्टर के पास ले जा पाते और उसकी जिंदगी बचा लेते।

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