प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर कमल हासन स्तब्ध

Tuesday, Jan 24, 2017 - 02:03 PM (IST)

चेन्नई: जल्लीकट्टू के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस द्वारा बलपूर्वक हटाए जाने के एक दिन बाद अभिनेता कमल हासन ने इस कार्रवाई पर आज सवाल खड़ा किया है और कहा है कि वह इस बात से स्तब्ध हैं कि इस कार्रवाई में महिलाओं और बच्चों को भी कथित तौर पर बंदी बनाया गया। लोकप्रिय अभिनेता कमल हासन ने कहा कि वह पुलिस कार्रवाई के लिए ‘‘तर्कसंगत व्याख्या’’ चाहते हैं।


 उन्होंने कहा कि महिलाएं और बच्चे भी कथित तौर पर इस कार्रवाई का शिकार बने।  पुलिस कर्मियों को कथित तौर पर आगजनी और महिलाओं की पिटाई में संलिप्त दिखाने वाले वीडियो के वायरल हो जाने पर हासन ने कहा कि वह उमीद करते हैं कि ये ‘असली पुलिसकर्मी’ नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद करता हूं कि वीडियो में दिखाई देने वाले पुलिसकर्मी असली पुलिसकर्मी नहीं हैं।’’   प्रदर्शनों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह असंतुष्टि का प्रतीक था। यह बगावत ‘‘बिल्कुल वाजिब’’ है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शनों ने उनके दिल को छू लिया।  जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जल्लीकट्टू से ज्यादा लोग तो दुर्घटनाओं में मरते हैं। 

 पशु अधिकार समूह पेटा को प्रतिबंधित करने की मांगों पर हासन ने कहा कि वह पेटा पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन नहीं करते। उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे गलत हैं तो हम उन्हें सही कर सकते हैं।’’  प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए 62 वर्षीय हासन ने कल ट्वीट किया था, ‘‘छात्रों के शांत प्रतिरोध पर पुलिस की आक्रामक कार्रवाई के नतीजे अच्छे नहीं होंगे।’’  उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा का सहारा न लेने की अपील भी की।  

हासन जल्लीकट्टू के समर्थक हैं और इससे पहले वह सांडों को काबू में करने वाले इस खेल के पक्ष में छात्रों द्वारा किए गए शांतिपूर्ण आंदोलन की सराहना भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि वह इन छात्रों के मुरीद हो गए हैं।  पुलिस ने कल मरीना बीच समेत तमिलनाडु के विभिन्न स्थानों पर जल्लीकट्टू के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे दर्जनों प्रदर्शनकारियांे को खदेड़ा था। पुलिस की यह कार्रवाई पथराव, कार को जलाए जाने और शहर में कुछ जगहों पर लाठीचार्ज की घटनाओं के बीच हुई। 
 

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