बैकॉप्स कंपनी को लेकर घिरे राहुल गांधी, जेतली बोले- चुप रहने का अधिकार नहीं

Saturday, May 04, 2019 - 04:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनावो को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। अब केंद्रीय मंत्री अरुण जेतली ने  प्रेस कांफ्रेंस कर ब्र‍िटेन और देश में बैकॉप्‍स नाम की कंपनी बनाने के मामले में राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गंभीर विषयों पर कांग्रेस अध्यक्ष की राय नहीं आती है। 

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि यह एक ऐसे शख्स की कहानी है, जो रक्षा सौदागर बनने की ख्वाहिश रखता था और आज भारत का प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखता है। राजनीतिक नेताओं को मौन रहने का अधिकार उपलब्ध नहीं है, खास तौर पर उन लोगों को नहीं जो पीएम बनने की ख्वाहिश रखते हैं। 


जेतली ने कहा कि 2009 में राहुल जी ब्रिटिश कंपनी से बाहर निकल जाते हैं और 2010 में भारतीय कंपनी अपना काम बंद कर देती है। 28 मई 2002 को भारत में एक कंपनी बनती है बैकऑप्स प्राइवेट लिमिटेड। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके डायरेक्टर बनते हैं। 21 अगस्त 2003 में ब्रिटेन में भी इसी नाम से एक कंपनी बनती है। उसके डायरेक्टर राहुल गांधी और एक अमेरिकी नागरिक बनते हैं। 


केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस कंपनी के कोई मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट नहीं है। ये एक तरह से लाइजनिंग करने वाली कंपनी है। यानी हम प्रभाव से आपका काम कराएंगे और बदले में पैसा लेंगे। ये इसका उद्देश्य था। उन्होंने कहा कि चुप रहने का अधिकार किसी क्रिमिनल केस में मुलजिम को होता है, राजनीतिक नेताओं को ये अधिकार उपलब्ध नहीं है। 

vasudha

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