जेतली की गडकरी को नम्रतापूर्वक ‘न’

punjabkesari.in Thursday, Nov 02, 2017 - 08:16 AM (IST)

नेशनल डेस्कः सड़क परिवहन, जहाजरानी और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की प्रतिदिन 20 किलोमीटर लम्बी सड़क बनाने की महत्वाकांक्षी योजना हो सकती है जिसके लिए 7 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है मगर वह इस काम के लिए इतनी बड़ी राशि कैसे प्राप्त करेंगे? गडकरी ने कहा, ‘‘हमें वित्त मंत्रालय से भी काफी मदद लेने की जरूरत होगी। मैं निजी तौर पर वित्त मंत्री अरुण जेतली के पास जाऊंगा और मुझे विश्वास है कि हमें धनराशि मिल जाएगी।’’ गडकरी ने कहा, ‘‘आप यह जानना चाहते हैं कि जेतली ने उन्हें क्या कहा।’’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे पास धन कहां है? बेहतर होगा कि आप मार्कीट से फंड इकट्ठा करें।’’

उन्होंने गडकरी को स्पष्ट रूप से यह भी बताया कि नैशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एन.एच.ए.आई.) वित्त मंत्रालय द्वारा आबंटित फंड का इस्तेमाल करने में विफल रहा है। एन.एच.ए.आई. 6 हजार करोड़ रुपए का इस्तेमाल नहीं कर पाया। मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय को 83,170.59 करोड़ रुपए आबंटित किए थे। इनमें से मंत्रालय द्वारा खुद 64,900 करोड़ रुपए खर्च किए गए और शेष राशि एन.एच.आई.ए. ने खर्च की। जेतली अगले वित्त वर्ष के लिए फंड के आबंटन में कटौती करना चाहते हैं।

नितिन गडकरी की भारतमाला परियोजना के लिए मार्कीट से 7 लाख करोड़ रुपए जुटाने की योजना है और वह प्राइवेट सैक्टर, निजी लोगों और छोटे निवेशकों को ब्याज की दर 1 से डेढ़ प्रतिशत अतिरिक्त देना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि गरीब लोग भी ब्याज की उच्च दर पर भारतमाला इन्फ्रा बांड में योगदान दें लेकिन जेतली इस मामले में कोई गारंटी देने के इच्छुक नहीं क्योंकि इससे उनके वित्तीय घाटे का लक्ष्य प्रभावित होगा। अब यह मामला प्रधानमंत्री के समक्ष जाएगा क्योंकि निवेशकों को अतिरिक्त ब्याज देने की एक बुरी परम्परा शुरू हो सकती है।


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